jamui teacher bedroom जमुई में क्लास रूम को बेडरूम में बदल कर एक महिला टीचर अपने पति के साथ वहां रह रही हैं। प्रभारी प्रधानाचार्य के पति स्कूल में ही रहते हैं और अक्सर शराब भी पीते हैं। यह पूरा मामला जिले के खैरा प्रखंड के गरही पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन का है। जहां महज तीन कमरों में क्लास 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है, जबकि एक कमरा टीचर का आशियाना बना हुआ है।
मैडम ने स्कूल को ही अपना बेडरूम बना लिया jamui teacher bedroom

सबसे बड़ी बात यह है कि स्कूल के जिस कमरे में ऑफिस होना चाहिए था, उसे प्रधान शिक्षिका के तौर पर कार्यरत शिक्षिका शीला हेंब्रम ने अपना घर बना लिया है। कमरे में ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं हैं। जिसमें बिस्तर से लेकर फ्रिज,गोदरेज,टीवी,अलमारी, टेबल और रसोई का सारा सामान शामिल है। बच्चों से घर के निर्माण कार्य में लगने वाला छड़, सीमेंट और गिट्टी ढुलवा रही है। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
शिक्षिका ने विद्यालय के एक कमरे को अपना घर बना लिया है।कमरे में टीवी, फ्रिज, गोदरेज, बिस्तर,रसोई सहित सारी चीज लगा दी है। इस कमरे में प्रधान शिक्षिका शीला हेंब्रम अपने पति के साथ रहती हैं।विद्यालय के जिस कमरे में बच्चों के लिए पढ़ाई चाहिए उस कमरे को वह अपने निजी कार्यों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। इस उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है और स्कूल में 130 बच्चो का नामांकन भी है। हर दिन 50 से 60 बच्चे पढ़ाई करने स्कूल आते है।
बताया जाता है कि, इस विद्यालय में तीन कमरे है,पहले कमरे में कक्षा एक से तीन, दूसरे कमरे में कक्षा चार-पांच और तीसरे का कमरे में कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक की पढ़ाई होती है और एक कमरे में प्रधान शिक्षिका का आशियाना लगा हुआ है। उस कमरे में बच्चो को पढ़ाने के बजाय उस कमरे को निजी स्वार्थ के लिए यूज कर रहे है।जहा वह अपने पति के साथ स्कूल के कमरे में रह रही है।इतना ही नहीं शीला हेंब्रम के पति हमेशा स्कूल में ही रहते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो शीला हेंब्रम के पति हमेशा शराब के नशे में रहते है।प्रधान शिक्षका शीला हेंब्रम से जब बच्चो से समान ढुलवाने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ सामान था रूम में जिसके कारण पढ़ने के लिए बच्चों को प्रॉब्लम हो रहा था।सभी बच्चों के साथ मिलजुल कर हमने भी सामान को इधर से उधर रखे हैं। लेबर सुनता नहीं है।नए शिक्षक का जॉनिंग करना था।इसलिए सब मिलकर रूम खाली किया।
वही स्कूल के एक कमरे में बेडरूम बनाने को लेकर कहा कि पहले जमुई में रहते थे।घर बना रहे हैं। फिलहाल एक महीना से रहते हैं।ऑफिस का सारा काम करते ही हैं।बस रात में थोड़ा सा रहते हैं। दिन में क्लास करते हैं।मेरे पति किसी को नहीं धमकाते हैं।शराब कभी कभार पीते हैं।ऐसा नहीं है कि वह पीकर किसी को परेशान करते हैं। आज तक किसी को परेशान नहीं किए हैं। हालांकि इस बारे में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिल देव तिवारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया।
उधर, इस बारे में सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ सीमा कुमारी ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के होते हुए वह इस मामले पर बात नहीं करेंगे। बता दे किशिक्षिका शीला हेंब्रम का मायका बरदौन गांव में है और स्कूल भी उसी गांव में है।शिक्षिका स्थानीय होने का फायदा उठाती है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षिका का इन दिनों मकान निर्माण का कार्य चल रहा है और इसी कारण उसने अपने घर का सारा सामान स्कूल में शिफ्ट कर दिया और पिछले कई महीने से भी अधिक समय से वह स्कूल को ही अपना घर बना कर रह रही है।
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