एक्सक्लूसिव रिपोर्ट – अनीता तिवारी , देहरादून
Karan Mahara PCC इतवार का दिन था , जगह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय , मौका था नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का कार्यभार ग्रहण समारोह… होना तो यह चाहिए था यहां मंच पर कांग्रेस नेताओं के जोशीले बोल और भाषण सुनाई देते ।

Karan Mahara PCC कॉंग्रेस भवन में खूब हुई फोटुबाज़ों कि फ़जीहत
- Karan Mahara PCC लेकिन ऐसा कुछ कम ही हुआ क्योंकि ज्यादातर समय मंच संचालक और नेताओं , कार्यकर्ताओं के बीच कॉमेडी सर्कस की तरह ठहाकों का स्टेज बन गया । उत्तराखंड कांग्रेस भवन में भीड़ थी , नेता थे , छुटभैये माला लिए फोटू खिंचवाले के लिए मंच पर ग़दर काट रहे थे तो कुछ गंभीर नेता नीचे कुर्सी पर जमे इन नज़ारों पर मुस्कुरा रहे थे। इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि थोड़ी देर के लिए कार्यक्रम कॉमेडी सर्कस का अड्डा बन गया…

- गुलदस्ता माला और सेल्फी के चक्कर में इस फजीहत को देख मंच संचालक विजय सारस्वत भी आपा खोते दिखे और उनके जुमलों ने फिर जैसे डायलॉग मारे उससे नेता ठहाके लगाते दिखे तो वही समर्थक गुटबाजी में घिरे नारेबाजी करते नजर आए।

- सबकी नजर कांग्रेस भवन के गेट पर लगी थी कौन विधायक, पूर्व विधायक पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उपाध्यक्ष , पूर्व अध्यक्ष इस कार्यभार समारोह में आएगा । किसी तरह नए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कार्यभार ग्रहण समारोह शुरू हुआ..इसी बीच स्वागत के बहाने चेहरा चमकाने वालों की धक्कामुक्की से मंच संचालक की हालत खराब हो गई। आलम यह रहा कि कई बार माइक छोड़कर मंच संचालक विजय सारस्वत लोगों को मंच से धकियाते नजर आए। उन्होंने कांग्रेस सेवादल को एक दर्जन बार धमकाते हुए कहा कि उनके टीम के लोग नेताओं को मंच से नीचे धकेल दें।

- सबसे अजीबोगरीब स्थिति तब बनी जब एक विशालकाय फूलों की माला कुछ लोगों ने आनन-फानन में नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ,उप नेता सदन भुवन कापड़ी को पहना दिया। माला को पहनाते देख मंच संचालक आपे से बाहर हो गए और उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस के सौजन्य से यह माला आई थी उसे पता ही नहीं चला और कुछ अनजान लोगों ने मौके का फायदा उठाकर माला पहना कर फोटो खिंचवा ली ।

- बहुत से मीडिया के कैमरे और पार्टी कार्यकर्ताओं की नजर टिकी थी कांग्रेस भवन के इस हाई प्रोफाइल इवेंट में आने वाले वीवीआइपी पर, हालांकि कार्यक्रम शुरू होने के कुछ देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पदभार ग्रहण समारोह में पहुंचे , तो एक गुट ने राहत की सांस ली तो कई गुटों के नजरें टेढ़ी हो गई ।

- हालांकि कार्यक्रम में प्रीतम सिंह और कई विधायक, पूर्व विधायक खबर लिखे जाने तक नहीं पहुंचे थे। जिससे यह साफ हो गया कि नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को अभी कई समीकरण साधने पड़ेंगे । जो रूठे हैं उन्हें मनाना पड़ेगा और जो बगावत पर अड़े हैं उन्हें कांग्रेस भवन से बाहर का रास्ता भी दिखाना पड़ सकता है । इन सबके बीच जिस तरह से अफरा तफरी में पदभार ग्रहण समारोह का नजारा रहा वह बताता है कि चुनाव में हार के बाद भी पार्टी ने कोई सबक नहीं लिया है । तभी तो मंच पर बोलने वाला हर नेता टिकट बंटवारे, भितरघात और गुटबाजी पर ही अपने भाषण को केंद्रित करता दिखाई दिया।

- सवाल यह है कि जब पार्टी आलाकमान ने नई टीम का गठन कर दिया है तब एकजुट विपक्ष होने की जगह खंड खंड कांग्रेसियों का गुट आज भी सक्रिय है। देखना यह होगा कि क्या एक-दो दिन के अंदर कांग्रेस के असंतुष्ट भाजपा का दरवाजा खटखटाते नजर आएंगे या उनके बागी बोल मौसमी बुखार की तरह उतर जाएगा।
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