Male Behaviour ये तो आप जानते ही हैं कि नीयत , भावनाएं और मूड को केवल पल भर में सामने वालों की एक्टिविटी से लेडीज़ पल भर में ताड लेती हैं। मर्दों में ये हुनर नहीं होता है लेकिन कुदरत ने महिलाओं की आँखों को ख़ास बनाया है जिससे वो देखकर किसी व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को पढ़ने की क्षमता में पुरुषों की तुलना में ज्यादा सटीक होती हैं ।यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। इस शोध में भारत की महिलाओं को भी शामिल किया गया था।
महिलाएं आंखों से पढ़ लेती हैं Male Behaviour
सामने वाला क्या सोच रहा है या उसके अंदर क्या भावना चल रही हैं, इसे महिलाएं आंखों से पढ़ लेती हैं। हालांकि पुरुष भी ऐसा करते हैं, लेकिन स्कोरिंग के लेबल पर महिलाएं आगे हैं। एक स्टडी के अनुसार दुनिया भर में महिलाएं आंखों को पढ़कर विचारों या भावनाओं का आकलन करने में पुरुषों की तुलना में बेहतर हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि पहली बार महिलाओं को संज्ञानात्मक सहानुभूति का लाभ मिलता है।अध्ययन में भारत सहित 57 देशों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी उम्र और अधिकांश देशों में महिलाओं ने “रीडिंग द माइंड इन द आइज़” नामक एक परीक्षण में औसतन पुरुषों की तुलना में अधिक स्कोर किया। टेस्ट संज्ञानात्मक सहानुभूति को मापता है, जिसका मतलब होता है एक व्यक्ति की भावनाओं या दूसरे की भावनाओं को समझने की क्षमता।
ऐसे किया गया शोध
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के अध्ययन के प्रमुख लेखक डेविड ग्रीनबर्ग ने कहा कि Cognitive empathy दशकों से मनोविज्ञान अनुसंधान का एक विषय है। यह बचपन से शुरू होता है और बुढ़ापे तक बनी रहती है। यह खुद को किसी और की जगह रखने की क्षमता होती है। मतलब सामने वाला क्या सोच रहा है और क्या महसूस कर रहा हैं। पिछले स्टडीज में महिलाओं ने Cognitive empathy को मापने के लिए डिजाइन किए गए परीक्षणों पर पुरुषों की तुलना में अधिक स्कोरिंग करके दिखाया है। स्टडी में शोध में शामिल हर प्रतिभागी के आंखों के चारो ओर मानव चेहरे क्षेत्र के 36 चित्र दिखाए गए और यह बताने के लिए कहा जाता है कि व्यक्ति क्या महसूस कर रहा है।
इतने लोगों को किया गया शामिल
यह अबतक का सबसे बड़ा अध्ययन हैं। इज़राइल, इटली, स्विटज़रलैंड, यूके और यूएस इस शोध में शामिल हुआ। इसमें स्टडी में 305,700 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया है, और पाया है कि महिलाओं ने औसतन 36 देशों में पुरुषों की तुलना में काफी अधिक स्कोर किया । ग्रीनबर्ग ने कहा कि परीक्षण में 36 आंखों के एक सेट की तस्वीरों को देखना और चार विशिष्ट भावनाओं को प्रत्येक को असाइन करना शामिल है। जिसमेंअहंकारी/कृतज्ञ/व्यंग्या