MDDA Dehradun कौन कर रहा एमडीडीए को बदनाम ?

MDDA Dehradun अचानक वो कौन है जिसकी लालची आँखों में एमडीडीए और बेहद प्रभावशाली आईएएस और अनुभवी उपाध्यक्ष बंसीधर तिवारी खटक रहे हैं। क्योंकि तथाकथित घोटाले का जो तीर एमडीडीए के कंधे पर रखकर उपाध्यक्ष की तरफ छोड़ा गया था वो बीच रास्ते ही बेदम साबित हो गया हैं। हम बात कर रहे हैं मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) से जुड़े बताये गए उस प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ग्राम चालंग में 500 करोड़ के घोटाले की खबरों को जिसे उपाध्यक्ष बंसीधर ने भ्रामक और असत्य बताया है। प्राधिकरण ने साफ कहा है कि यह योजना मान्यता प्राप्त नहीं है और न ही इस नाम पर कोई वित्तीय अनियमितता हुई है।

घोटाले का दावा झूठा, खबरें आधारहीन : उपाध्यक्ष MDDA Dehradun

एमडीडीए के सचिव मोहन सिंह बर्निया ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्राम चालंग क्षेत्र में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। इस कारण घोटाले का प्रश्न ही नहीं उठता। प्रकाशित व प्रसारित की गई खबरें भ्रामक, असत्य और जनमानस को गुमराह करने वाली हैं। एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा निजी भू-स्वामी मुकेश जोशी द्वारा ग्राम चालंग क्षेत्र में निजी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसिंग फॉर ऑल) के अंतर्गत एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। इस प्रस्ताव पर 2017 से लेकर 2019 तक विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया चली, लेकिन अंततः राज्य सरकार द्वारा इसे मान्यता प्रदान नहीं की गई।

चालंग में पीएम आवास योजना स्वीकृत ही नहीं 

प्राधिकरण का कहना है कि उक्त प्रस्ताव मात्र एक निजी हाउसिंग मॉडल था, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना का स्वरूप देकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया। लेकिन शासन स्तर पर इसकी कोई स्वीकृति नहीं मिली। इसके बावजूद हाल ही में कुछ मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह खबर प्रसारित की गई कि “ग्राम चालंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर 500 करोड़ का घोटाला हुआ है”।

प्रधानमंत्री आवास योजना में कोई घोटाला नहीं – उपाध्यक्ष
भ्रामक खबरों से एमडीडीए को बदनाम करने की कोशिश

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने भी इस मामले पर स्पष्ट कहा कि “प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्राम चालंग क्षेत्र में कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। यह खबरें तथ्यों से परे हैं। हम जनता से अपील करते हैं कि वे ऐसी भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें। एमडीडीए की ओर से सभी निर्माण योजनाएं नियमानुसार और पारदर्शिता के साथ संचालित की जाती हैं।” एमडीडीए ने यह भी दोहराया कि समाचार पत्रों व चैनलों में छपी/चलाई गई खबरें सिर्फ अफवाह हैं और इनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि बिना प्रमाण वाली ऐसी खबरों पर ध्यान न दें और सही जानकारी के लिए सीधे प्राधिकरण से संपर्क करें।