Naina Devi Temple : नैनीताल का नैना देवी मंदिर क्यों है देशभर में खास


Naina Devi Temple नैनीताल में मौजूद नैनी झील के उत्तरी किनारे प्रसिद्ध शक्ति पीठ नैना देवी मंदिर है। इस पवित्र मंदिर में देवी को उनकी दो आंखों से दर्शाया गया है। आपको बता दें, 1880 में भूस्खलन में यह मंदिर नष्ट हो गया था, लेकिन बाद में फिर से इस मंदिर का निर्माण कर दिया गया। देवी का ये मंदिर शक्तिपीठ में शामिल होने की वजह से यहां देवी से जुड़े कई चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ रहती है कि लोगों को लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ता है।


नैना देवी मंदिर का इतिहास Naina Devi Temple

Naina Devi Temple


कुषाण काल में भी नैनी देवी मंदिर के बारे में लिखा हुआ है। 15वीं ईस्वी में निर्मित, नैना देवी मंदिर की मूर्ति एक भक्त मोती राम शाह द्वारा 1842 में स्थापित की गई थी। 1880 में भारी भूस्खलन के बाद, नैना देवी मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया था। लेकिन स्थानीय लोगों की गहरी आस्था की वजह से 1883 में इस मंदिर का फिर से निर्माण किया गया। 800 साल पुराने इस मंदिर की सीढ़ियों को छूने पर निकलती है संगीत की धुन, भगवान शिव के भक्तों को एक बार जरूर जाना

51 शक्तिपीठों में शुमार मां नैना देवी मंदिर का कायाकल्प होने जा रहा है। जल्द ही मंदिर नए स्वरूप में नजर आयेगा। मानसखंड मंदिर माला प्रोजेक्ट के तहत मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 11 करोड़ के बजट को स्वीकृति मिल गई है। प्रोजेक्ट के तहत मंदिर की छतों, धर्मशाला के पुनर्निर्माण के साथ ही भव्य गेट निर्मित किया जाएगा। साथ ही मंदिर गेट के सामने की दुकानों को अन्यत्र विस्थापित कर पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।


मां नैना देवी मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। इसे देखते हुए सरकार ने मंदिर को मानसखंड मंदिर माला प्रोजेक्ट में शामिल कर इसके कायाकल्प के लिए योजना तैयार की है। अनुबंधित संस्था फोर कंसलटेंट व पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने मंदिर का सर्वे व पदाधिकारियों से वार्ता के बाद सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंजूरी दे दी है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रत्नेश कुमार सक्सेना ने बताया कि बीते माह से शासन स्तर पर प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को लेकर कवायद चल रही थी। जिसे मुख्य सचिव की वित्त समिति व विभागीय समिति में स्वीकृत कर लिया है। जल्द ही सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कर दिया जायेगा।


तिब्बती बाजार की 11 दुकानें भी होंगी विस्थापित
मंदिर गेट के पास तिब्बती बाजार में करीब 11 दुकानें हैं, जिससे मंदिर के दर्शन नहीं हो पाते। प्रोजेक्ट के तहत चिह्नित की गई 11 दुकानों को अन्यत्र विस्थापित किया जाना है। मंदिर की छत सीधी की जाएगी। पुराने बैठक हॉल व धर्मशाला को ध्वस्त कर नई धर्मशाला व जूता घर बनाया जाएगा। पुराने गेट को विस्तार देकर भव्य गेट निर्मित किया जाएगा। मंदिर में विद्युत व अन्य सौंदर्यीकरण कार्य किए जाएंगे। गेट के सामने स्थित चाट पार्क क्षेत्र का भी सौंदर्यीकरण होगा। यहां फाउंटेन निर्माण और लोगों के बैठने के लिए बेंच लगेगी।

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