देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Neelkanth Mandir Uttarakhand देवभूमि उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसे ऋषिकेश के पंकजा और मधुमती नदियों के संगम स्थल पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है। पावन नगर हरिद्वार से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर विष्णु कूट, मणिकूट और ब्रह्म कूट नामक पर्वतों से घिरा यह रोमांचक, मनोहारी मंदिर समुद्र तल से 1330 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आइये जानते हैं इसका महात्म्य और रोचक इतिहास ..
Neelkanth Mandir Uttarakhand जुटने लगे शिवभक्त , अलर्ट है SSP श्वेता चौबे

- Neelkanth Mandir Uttarakhand भगवान शिव यहां पर पिंडी (शिवलिंग) के रूप में नीलकंठ महादेव के नाम से विराजमान हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवताओं और असुरों ने मिलकर क्षीर सागर का मंथन किया। अमृतपान के लिए जहां देवताओं और दानवों में संघर्ष शुरू हुआ, वहीं कालकूट हलाहल (विष) की अग्नि से पूरा ब्रह्मांड धधक उठा। देवताओं की विनती पर जगत के कल्याण हेतु भगवान शिव ने कालकूट विष अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के कारण उनका कंठ नीला पड़ गया।
- Neelkanth Mandir Uttarakhand विष के प्रभाव से निकली नकारात्मक ऊर्जा के दमन के लिए उन्होंने शिवालिक पर्वत शृंखलाओं की तरफ प्रस्थान किया और यहीं कई वर्षों तक ध्यानस्थ होकर अपने चित्त को शांत किया। इसके बाद भगवान शिव पिंडी व नीलकंठ महादेव के रूप में मणिकूट पर्वत पर ही अधिष्ठित हो गए। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने श्रावण मास में ही हलाहल को अपने कंठ में धारण किया था। श्रावण मास भगवान शिव को इसलिए भी प्रिय है, क्योंकि 12 महीनों में एकमात्र यही मास नीलकंठ महादेव के गर्म कंठ को शीतलता प्रदान करने में सक्षम हुआ।
- Neelkanth Mandir Uttarakhand श्री नीलकंठ महादेव- 2023 की कांवड़ यात्रा शुरु होते ही शिव भक्तों के बम भोले जयकारों के बीच ड्यूटी पर मुस्तैद एसएसपी श्वेता चौबे की अलर्ट पुलिस टीम महादेव के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को दर्शन करा कर उन्हें बेहतर सुरक्षा सुविधा दे रही है। वहीँ सभी अधिकारियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के ड्यूटी स्थलों में जा जाकर ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिस कार्मिकों को यातायात व्यवस्था सुचारु रुप से चलाने, शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अच्छी व मुस्तैदी से ड्यूटी निर्वहन किए जाने हेतु लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।
- Neelkanth Mandir Uttarakhand नीलकंठ महादेव मंदिर के दोनों ओर से पर्वतों से मधुमती व पंकजा नाम की दो जलधाराएं निकलती हैं, जो आगे चलकर गंगा में समाहित हो जाती हैं। श्रावण मास में प्रकृति अपने यौवन पर होती है, जो श्रद्धालुओं व सैलानियों का मन मोह लेती है। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक पैदल मार्ग 11 किलोमीटर के लगभग है। बहुत से श्रद्धालु, खासकर कांवड़िए इसी मार्ग को प्राथमिकता देते हैं और नंगे पांव गंगा जल लेकर शिवरात्रि के दिन भगवान का जलाभिषेक करते हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर से करीब एक किमी. दूर पर्वत शिखर पर मां पार्वती, मां भुवनेश्वरी के रूप में अधिष्ठित हैं।
नेता बड़ा या अफसर ! उफ़्फ़ हाल -ए उत्तराखंड https://shininguttarakhandnews.com/bureaucracy-in-uttarakhand-dhami/