Om Parvat Uttarakhand उत्तराखंड अपनी धार्मिक मान्यताओं, साहसी और दिलचस्प पर्यटन और मनलुभावन प्रकृति के लिए जाना जाता है। इस ही राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में स्थित तिब्बत सीमा से लगा समुद्र तल से लगभग 6,191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ओम पर्वत अपने आप में दर्शनीय और रहस्यमय है। यह पर्वत उच्च हिमालय पर्वत श्रृंखला के विभिन्न पहाड़ों में से एक है। ओम पर्वत की अनुपम छटा, अद्भुत प्रकृति और साहसी आरोहण को नजदीक से देखने व समझने के लिए कई प्रकृति प्रेमी और पर्वतारोही दल यहां अक्सर पहुंचते रहते हैं।
इस पर्वत पर है देवताओं का वास Om Parvat Uttarakhand

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में तिब्बत सीमा से लगा समुद्र तल से लगभग 6,191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ओम पर्वत अपने आप में दर्शनीय और रहस्यमय है। ओम पर्वत की अनुपम छटा, अद्भुत प्रकृति और साहसी आरोहण को नजदीक से देखने व समझने के लिए कई प्रकृति प्रेमी और पर्वतारोही दल यहां अक्सर पहुंचते रहते हैं।
कहाँ है यह पर्वत
ओम पर्वत को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है. आप अगर कैलाश यात्रा पर हैं तो यहाँ से गुजरते वक़्त आपको एक पहाड़ पर ॐ लिखा हुआ दिखता है. ॐ के चिन्ह से आसानी से इस पहाड़ को पहचाना जा सकता है. इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा.यह पर्वत तिब्बत की सीमा के पास है इसलिए तिब्बत से काफी संख्या में पर्यटक इसको देखने आते हैं. यह स्थान धारचूला के निकट है.
पर्वत के ऊपर देवताओं का वास बताया जाता है. अदृश्य रूप में यहाँ बहुत से देवता ध्यान में लीन है. इस पहाड़ पर पहुंचना मुश्किल कार्य है. इसलिए अधिकतर लोग इसे मात्र नीचे से ही देखते हैं. हिन्दू धर्म के अलावा तिब्बती लोगों के लिए भी यह पर्वत आस्था का स्थान है.
झील पर प्रतिदिन देवता आते हैं
जैसा कि सभी जानते हैं कि कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान है जहाँ पर आज भी शिव बैठे हुए माने जाते हैं. अगर कैलाश की मान्यता की बात करें तो सभी हिन्दू लोगों का सपना होता है कि वह एक बार यहाँ जरूर जाकर अपने जीवन का उद्देश्य पूरा करें. मानसरोवर पर कई सारे ताल हैं. इनमें से कुछ तो इंसान के लिए बंद हैं. जहाँ पर जाना प्रतिबंधित है किन्तु कुछ ताल इंसानों के लिए खुले हुए हैं.
ऐसे ही एक ताल सुन्दर सरोवर यहाँ की मान्यता है कि सुबह लगभग 2 से 4 के बीच यहाँ पर देवतागण स्नान करने आते हैं. वैसे कैलाश मानसरोवर स्थान को देवताओं का ही वास स्थान बताया जाता है. आज भी कई सारे देवता यहाँ पर ध्यान लीन हैं. तो अगर कभी आपको यहाँ जाने का मौका प्राप्त हो तो ॐ पर्वत को एक बार जरूर देखें जो साबित करता है कि यहाँ पर शिव हैं.
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