Past Life Regression Hypnosis: आज के समय में साइंस ने भले ही कितनी भी तरक्की कर ली हो या वैज्ञानिकों ने अनोखी खोज कर ली हो, लेकिन आज भी विज्ञान किसी के दिमाग का भेद जानने में सफल नहीं है। अगर आज के समय में दिमाग पर नियंत्रण करने के लिए कोई तरीका मौजूद है, तो वह ध्यान और प्राणायाम ही है। इसी का एक हिस्सा ‘पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी’ (पीएलआर) भी किसी के दिमाग पर काबू पाने का एक तरीका है।
Past Life Regression Hypnosis दिमाग पर काबू करेगा

हालांकि, कई लोग इस पर विश्वास नहीं करते या फिर इसे अंधविश्वास मानते हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यदि ये अंधविश्वास है तो ध्यान और प्राणायाम को भी अंधविश्वास माना जाना चाहिए। पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी लगभग बीस हजार साल पुरानी तकनीक है। पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी या (past life regression hypnosis) हमारे बीते कल की यादो को वापस याद दिलाने का वो जरिया है, जिसके माध्यम से हम अपने आज को बदल सकते है।

Past Life Regression Hypnosis अक्सर लोगों के साथ ऐसी समस्या आती है की बीते कल की कुछ यादे उन्हें आगे बढ़ने नहीं देती है। पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी के जरिये हम बीते कल को फिर से याद कर सकते है। पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी के दौरान प्रश्नों की श्रृंखला को लगातार पूछा जाता है। इसके जरिए हम अपने अवचेतन मन (Subconscious mind) को एक्टिव कर पुरानी बातो को फिर से याद करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इनमें क्या अंतर है? दरअसल, रिग्रेशन में ध्यान के जरिए इंसान को उसके पिछले समय में ले जाया जा सकता है, वहीं प्रोगेशन की बात करें तो इसमें आने वाले समय में ले जाया जाता है।

- Past Life Regression Hypnosis ‘पास्ट लाइफ रिग्रेशन थैरेपी’ एक प्रकार का सेल्फ हिप्नोटिज्म (आत्म-सम्मोहन) होता है, इसके तहत सांसों पर नियंत्रण पाकर पिछले जन्म या बीते समय में जाया जा सकता है। किसी भी इंसान का दिमाग, ध्यान की इस अवस्था में उस पर हावी नहीं होता। ऐसे में वह जो कुछ भी सोचता है उसे सच्चाई के बहुत करीब माना जाता है।
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