Special Report By – Anita Tiwari , Dehradun
Public on Ministers सरकार में सचिवालय में फाइलें भी मन्त्री साहेब के प्रभाव और उनके रुतबे के मुताबिक रफ़्तार पकड़ती है। विभागीय सचिव भी मंत्री जी की उन पर पकड़ और दबाव के मुताबिक गंभीरता दिखाते हैं। सच तो ये है कि कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग में अफसर आते हैं तो ठीक नहीं आते तो भी बेचारे मंत्री जी सिवाय गुस्सा ज़ाहिर करने के कुछ कर ही नहीं पाते हैं। दरअसल ये रोग उत्तराखंड में लाइलाज हो चला है क्योंकि मंत्री तेज़ तो अफसर सुस्त , कहीं अफसर ठीकठाक तो मंत्री जी निष्क्रिय , नतीजा जनहित प्रभावित
Public on Ministers धन दा ,महाराज और सौरभ से उम्मीदें – जनता के बोल

- Public on Ministers आजकल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी वन मैन आर्मी की तरह खुद ही पहाड़ों के चक्कर काट रहे हैं , लोगों के बीच दिखते हैं , और सभी विभागों पर नज़र रखते हैं। बात मंत्रियों की , कुछ मंत्री तो ऐसे हैं जो अपनी विधान सभा में ही फीते काटते दिखते है और उनकी पूरी दिनचर्या प्रदेश स्तर पर नहीं विधान सभा तक सिमटी नज़र आती है। अजीब बात है कि प्रदेश के मंत्री बन जाने के बाद भी इनको अपनी ही विधान सभा में योजनाओं को पहुँचाने , शिलान्यास पट्टिका और भूमि पूजन तक सिमटी रहती है जबकि ज़िम्मेदारी पूरे प्रदेश की है।

- Public on Ministers अब अगर ऐसे में इम्तेहान में वो फेल हो जाते हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि दोष भी उन्हीं का होगा। अफवाहों , संभावनाओं के बीच हमने देहरादून के अलग अलग इलाकों में लोगों से माजूदा मंत्रियों के बारे में एक लाइन की प्रतिक्रिया पूछी तो अजीब अजीब विचार सामने आये हैं। आइये जानते हैं –
- Public on Ministers पुष्कर सिंह धामी , मुख्यमंत्री , वन मैन आर्मी जो पहाड़ से दिल्ली तक कुछ अलग करते दिखते हैं , उम्मीद तो है देखिये क्या करते हैं ?
- सतपाल महाराज , मंत्री , हाई प्रोफ़ाइल और बड़े शो मैन की तरह खुद को ज़ाहिर करते हैं , अफसरों से काम लेना जानते हैं नज़र कुर्सी पर रखते हैं।
- प्रेम चंद अग्रवाल – मंत्री , ये तो ऋषिकेश के मंत्री लगते हैं , एक अच्छे विधायक लेकिन प्रभावहीन मंत्री लगते हैं।
- सौरभ बहुगुणा , मंत्री , विरासत में मिले जनसेवा के लक्षण दिखते हैं। काम से पहचान बनाने में कामयाब , जोशीले और पढ़ेलिखे है लिहाज़ा भविष्य के बड़े नेता साबित होंगे
- रेखा आर्य , मंत्री , अब तक का कामकाज थोड़ा अजीब हैं , रोचक फोटो खिचवाने में निपुण हैं , बड़ी ज़िम्मेदारी और ज्यादा विभाग का तनाव अफसरों पर निकालती हैं।
गणेश जोशी , जनाब अब मसूरी के विधायक ही नहीं पूरे प्रदेश के मंत्री हैं ये एहसास नहीं कर पा रहे हैं , गढ़वाल कुमायूं के दुर्गम गांव भी जाना चाहिए , वहां रात गुज़ारें और पहाड़ों में योजनाए परखनी चाहिए थी।

- चंदन राम दास , मंत्री , किस्मत के धनी है जो मंत्री बन गए वरना बहुत से काबिल इंतज़ार ही कर रहे हैं। सीधे साधे नज़र आते हैं , अफसर भी ये जानते हैं लिहाज़ा अपने हिसाब से मंत्री जी को और विभाग को चला रहे हैं।
- धन सिंह रावत , मंत्री , संघ , पार्टी और आलाकमान तक प्रभाव दिखता है , बड़े और अहम विभाग हैं लिहाज़ा उम्मीद भी ज्यादा है , जानकारी है , राजकाज समझते है और महत्वाकांक्षी भी है।
- सुबोध उनियाल , मंत्री , एक समय के प्रभावशाली मंत्री आज नज़र ही नहीं आते हैं। हल्के फुल्के विभाग है और काबिलियत उससे ज्यादा , कुछ तो वजह होगी ही
Public on Ministers दरअसल यह सर्वे इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि दिल्ली में बैठी आलाकमान जनता के बीच अपने मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर ही उनका रिपोर्ट कार्ड देख कर उनका प्रमोशन और बर्खास्तगी कर सकती है। यह तो मंत्री भी अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर उन्हें कैबिनेट में बने रहना है तो 10 में 10 लाना बेहद जरूरी है । लेकिन कुछ मंत्री आधे नंबर तक नहीं पहुंच पाए और खुद कई विधायक भी मानते हैं कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह और भी बेहतर कर सकते हैं।

- Public on Ministers हमारे सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों में भी इस बात को लेकर बेचैनी है , लिहाजा उन्होंने अपने दौरों की रफ्तार और बैठकों की संख्या बढ़ा दी है। लेकिन जिस तरह की खबरें आ रही है कि हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उत्तराखंड में फेरबदल और नई कैबिनेट का स्वरूप सामने आ सकता है, ऐसे में मंत्रियों को अपनी परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए बेहद कम समय बचा हुआ है । जनता भी यही मानती है कि मंत्री कोई भी बने वह ईमानदार और जनता के वादों के प्रति जवाबदेह हो। सिर्फ देहरादून में बैठकर बयानबाजी ना करें बल्कि पहाड़ों में जाकर पूरे प्रदेश के हालात और व्यवस्था सुधार में अपनी जिम्मेदारी निभाएं , जिसमें फिलहाल कई मंत्री बहुत पुअर परफॉर्मेंस के साथ फेल होते नजर आ रहे हैं।
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