Pushkar Singh Dhami : शिखर पर धामी की लोकप्रियता – बढ़ी डिमांड

देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट – 
Pushkar Singh Dhami उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावी दौरे पर मिल रही लोकप्रियता आज उनके शिखर पर पहुंचते कद और प्रभाव का आइना है। सीएम धामी की बढ़ती लोकप्रियता और उत्तराखंड में बतौर सीएम लिए गए बड़े फैसलों के बाद से धामी की चुनावी राज्यों में डिमांड बढ़ गई है। जिसको धामी की भाजपा संगठन में बढ़ते कद के रूप में माना जा रहा है। दरअसल पुष्कर फूल भी है और फायर भी …. पुष्कर कड़क भी आक्रामक भी और यही वजह है कि अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों में सीएम धामी ने उत्तराखंड में 2 साल के कार्यकाल में अभूतपूर्व फैसलों से देश भर में उत्तराखंड की नई और ऊँची पहचान बनाई है।


 धामी की छवि पूरे देश में हिंदुत्व वाली बनी Pushkar Singh Dhami

Pushkar Singh Dhami
ये भी इतिहास बना जब अप्रत्याशित और चौंकाने वाले फैसले के बाद युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते हैं और 45 वर्ष की आयु में उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनकर दिग्गजों को पछाड़ देते हैं। वहीँ दोबारा 23 मार्च 2022 को धामी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। इस तरह से करीब 8 माह के पहले कार्यकाल और डेढ़ साल के दूसरे कार्यकाल को मिलाकर सीएम धामी को इस कुर्सी पर दो साल पूरे हो गए हैं। इस बीच सीएम धामी ने प्रदेश से लेकर संगठन स्तर तक अपनी एक नई छवि बनाई है। जो कि उनके विजन और विकास को लेकर किए जा रहे कार्यों विशेषकर सख्त तेवर के लिए अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं।

भाजपा संगठन में बढ़ते कद का दिख रहा असर 

सीएम धामी ने अब तक समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण, नकल विरोधी कानून और महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फैसला दो साल के कार्यकाल में लिया है। जो कि उत्तराखंड के इतिहास में दर्ज हो गए। सीएम धामी का अब तक का सबसे बड़ा फैसला यूसीसी को लेकर कदम बढ़ाना है। चुनाव से पहले धामी ने यूसीसी का जनता से वादा किया और सीएम बनते ही पहली कैबिनेट में इसके लिए समिति का गठन कर अपना वादा निभाया। धामी ने नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट में समान नागरिक संहिता को लेकर विशेषज्ञ कमेटी बनाने का निर्णय लिया। यूसीसी को लेकर बनाई गई समिति की ओर से ड्राफ्ट को तैयार किया जा रहा है। जो कि पूरे देश के लिए नजीर बन सकता है।


सीएम धामी ने उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में नकल माफियाओं की संलिप्तता सामने आई तो धामी ने अब तक का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया। जिसके बाद से प्रदेश में नकल विहीन परीक्षाएं आयोजित हो रहे हैं। इस निर्णय के बाद से धामी की युवा सीएम की छवि पूरे देशभर में गई। संगठन ने भी इसके लिए धामी की पीठ थपथपाई है। राज्य में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए धामी ने सबसे सख्त धर्मांतरण कानून भी लागू किया। जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन पर 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

इस कानून के उत्तराखंड में लागू होने के बाद से

छवि भी बनती जा रही है। प्रदेश में लगातार ऐसी संरचनाओं पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। जिनके जरिए अवैध तरीके से बनाकर धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड युवाओं के लिए रोजगार सृजन के मामले में भी दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने नकल विरोधी कानून लाकर युवाओं को दिल जीतने का काम किया है और नौकरी की दलाली करने वालों की कमर तोड़ी है।


लगातार युवाओं को सरकारी नौकरियों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। इस साल के अंत तक धामी सरकार 25 हजार युवाओं को जहां सरकारी से नौकरी देने का काम करेंगे, वहीं लाखों युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों मे में रोजगार सृजन करेंगे। अब तक CM धामी 12 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुके हैं। बता दें कि सीएम धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वाधिक विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। जिस पर सरकार तेजी से काम कर रही है। साथ ही इन निर्णयों से धामी की छवि और कद बढ़ता जा रहा है।


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