Pushkar Singh Dhami : चौबीस घंटे में मुख्यमंत्री घोषित होगे धामी ! Brave Decision By BJP

Special Story By : Ashish Tiwari , Dehradun 

Pushkar Singh Dhami  बड़ी रहस्यमयी है पहाड़ की राजनीती , और बड़े दांव पेंच के बाद कोई सत्ता के शीर्ष पर पहुँचता है। पहाड़ में जबसे कमल ने वापसी की है तभी से निगाहें मुख्यमंत्री के दावेदार पर लगी थी लोग कयास लगा रहे थे कि क्या धामी को उनकी मेहनत का फल भाजपा देगी या किसी और दावेदार की लॉटरी लग जाएगी ?

Pushkar Singh Dhami नाम सबकी जुबां पर आकर टिक गया है

Pushkar Singh Dhami  बड़ी रहस्यमयी है पहाड़ की राजनीती
Pushkar Singh Dhami  बड़ी रहस्यमयी है पहाड़ की राजनीती

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बावजूद भाजपा विधायक दल के नेता के नाम को लेकर जिस तरह से कई दिन बीत जाने के बाद भी कोहरा छाया हुआ था , वो अब छटने लगा है और एक ही नाम सबकी जुबां पर आकर टिक गया है और वो नाम है मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami का

Pushkar Singh Dhami Part 2
Pushkar Singh Dhami Part 2

हांलाकि ये कोई आसान फैसला केंद्र और पार्टी नेतृत्व के लिए नहीं होगा क्योंकि रेस में तमाम सीनियर विधायक और प्रदेश के बड़े नेता Pushkar Singh Dhami अपनी ज़ोर आज़माइश कर रहे हैं। लम्बे समय से दिल्ली से पहाड़ की बैटिंग करने वाले सांसद और मोदी के करीबी अनिल बलूनी के मन में कहीं न कहीं इस बहुमत को देखते हुए सीएम की सेफ कुर्सी नज़र आ रही है तो वहीँ  और नैनीताल सांसद अजय भट्ट भी प्रदेश की राजनीती का पुराना नाम हैं लिहाज़ा उनके अनुभव को भी ज़रूर सामने रख कर फैसला किया जायेगा।

Pushkar Singh Dhami पार्टी को धामी की ताबड़तोड़ पारी ने ही जीत दिलाई है

Pushkar Singh Dhami  अपनी ज़ोर आज़माइश कर रहे हैं
Pushkar Singh Dhami  अपनी ज़ोर आज़माइश कर रहे हैं

अब बात करें कैबिनेट मंत्रियों की तो सबसे बड़ा और भरोसेमंद नाम जो अक्सर राजनैतिक हवाओं में उछाला जाता रहा है वो नाम है सतपाल महाराज का जिनके मन में भी लम्बे समय से उत्तराखंड का सरताज यानी मुख्यमंत्री बनने का ख्व्वाब पल रहा है। ऐसे में पुरे पांच साल एक ही मुख्यमंत्री 2027 तक अपना कार्यकाल बिना किसी रुकावट और विरोध के पूरा कर सके इसके लिए भी एक मजबूत नाम सामने आना है जिसमें सबसे पहला और मजबूत नाम मौजूदा मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami  का ही है। इसके पीछे तर्क भी सही है कि पहाड़ में पिछड़ती जा रही पार्टी को धामी की ताबड़तोड़ पारी ने ही जीत दिलाई है।

Pushkar Singh Dhami  राजनाथ सिंह का पर्यवेक्षक बनना भी एक संकेत है 

पहला और मजबूत नाम मौजूदा मुख्यमंत्री धामी
पहला और मजबूत नाम मौजूदा मुख्यमंत्री धामी

हांलाकि खुद सीएम Pushkar Singh Dhami अपना चुनाव हार गए लेकिन प्रदेश भाजपा और विजयी रहे ज्यादातर विधायकों की सहानुभूति उन्हीं के साथ खड़ी है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पर्यवेक्षक बनना भी एक संकेत है कि धामी पार्ट 2 का आगाज़ होगा जिसका औपचारिक एलान होना ही बाकि है। इसमें भी कोई दो राह नहीं है कि इस विलंब के कारण मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदार भी अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं लेकिन जो पिछड़ जायेगा वो कम से कम कैबिनेट मंत्री के लिए अपना दबाव तो कायम ज़रूर रखना चाहेगा। ऐसे में अब दिल्ली पहुंचे CM Pushkar Singh Dhami  केंद्र का आशीर्वाद और भरोसा लेकर लौटेंगे तो उनकी ताजपोशी भी लगभग तय हो चुकी होगी।

pushkar singh dhami उत्तराखंड के संबंध में भाजपा दिल्ली में आज एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी
pushkar singh dhami उत्तराखंड के संबंध में भाजपा दिल्ली में आज एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी

सीएम Pushkar Singh Dhami  की हार के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर संशय को देखते हुए यह बैठक और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। कौशिक ने बताया, ‘‘उत्तराखंड के संबंध में भाजपा दिल्ली में आज एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी। भाजपा नेता पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक बैठक में शामिल होंगे, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी शामिल रहेंगे।” ऐसे में समझा जा रहा है कि 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंचेंगे और इसी दिन या फिर अगले दिन भाजपा विधायक दल की बैठक हो सकती है। 20 मार्च को विधानमंडल दल की बैठक हो सकती है और उसी दिन शाम संभव है कि धामी विधायकों की सूचि के साथ राज्यपाल से मिलकर नयी सरकार के लिए दावा पेश करेंगे और गवर्नर धामी पार्ट 2 के लिए 22 या 23 मार्च का दिन तय कर सकते हैं

Pushkar Singh Dhami सीएम बदलने की रही नियत :

Pushkar Singh Dhami 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंचेंगे
Pushkar Singh Dhami 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंचेंगे

Pushkar Singh Dhami  अलग राज्य बनने के साथ उत्तराखंड में अस्तित्व में आई अंतरिम सरकार के छोटे से कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी 354 दिन में ही पद से हटा दिए गए। इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी अंतरिम सरकार में मुख्यमंत्री बने और वह 122 दिन पद पर रहे। पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। एनडी तिवारी के हाथों में सत्ता आई और उन्होंने पांच साल, पांच दिन तक सीएम का पदभार संभाला। इसके बाद भुवन चंद्र खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र सिंह रावत को मौका मिला था, लेकिन वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

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