Rahul Gandhi LoP : राहुल गांधी को मोदी सरकार देगी 3 लाख सैलरी !

Rahul Gandhi LoP 18वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) के राजनीतिक करियर को मानों जीवनदान दे दिया.  यह जीत कांग्रेस के लिए अधिक सुखद रही, जिसने 543 लोकसभा सीटों में से 99 सीटें जीतीं. 2014 के बाद से यह उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है. अब सबसे पुरानी पार्टी लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition, LoP) के पद का दावा करने के लिए पात्र है.

राहुल बने नेता प्रतिपक्ष तो मिलेगी सेलेरी Rahul Gandhi LoP



ऐसी खबरें हैं कि कई कांग्रेस नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनें. यह पद 2014 से खाली है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी पार्टी की मांग को स्वीकार करेंगे. आखिर यह पद क्यों महत्वपूर्ण है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक कैबिनेट रैंक का पद है और इसके साथ तमाम लाभ जुड़े होते हैं. नेता प्रतिपक्ष कई महत्वपूर्ण समितियों जैसे सार्वजनिक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम और इस्टीमेट्स का सदस्य होता है.


मिलती है यह पावर
कई संयुक्त संसदीय पैनलों में होने के अलावा, नेता प्रतिपक्ष कई चयन समितियों का भी हिस्सा होते हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों की नियुक्ति करती है. इसके साथ ही वह केंद्रीय सतर्कता आयोग और केंद्रीय सूचना आयोग जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति करने वाली समितियों के भी सदस्य होते हैं.

2014 के बाद से खाली है पद
2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन  में केवल 44 सीटों पर सिमट गई. क्योंकि कांग्रेस के पास संख्या निचले सदन में 54 सांसदों की आवश्यक सीमा से कम थी इसलिए अध्यक्ष के जरिये बीजेपी ने उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया था. नियमों के मुताबिक किसी भी पार्टी को नेता प्रतिपक्ष पद की पात्रता के लिए लोकसभा में 10 फीसदी सीटों की जरूरत होती है. 2019 में कांग्रेस ने सीटों के मामले में अपने प्रदर्शन में थोड़ा सुधार किया, फिर भी वह 54 अंक से दो सीट पीछे रह गई.


खड़गे, चौधरी को बनाया सदन का नेता
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस की कोई दावेदारी नहीं बनती थी, तो सबसे पुरानी पार्टी ने अपने वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुना. 2019 में अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस का नेता बनाया गया. इस बार अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के उम्मीदवार पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान से हार गए. कांग्रेस कथित तौर पर राहुल गांधी पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार करने के लिए दबाव डाल रही है. यह कोई उसकी नई मांग नहीं है. 2014 और 2019 में भी पार्टी चाहती थी कि गांधी परिवार निचले सदन में नेतृत्व करे. हालांकि उस समय राहुल गांधी ने ऐसी किसी भी पेशकश को ठुकरा दिया था.

नेता प्रतिपक्ष की सैलरी और सुविधाएं
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर का है. यह पद काफी ताकतवर माना जाता है. इस पद पर बैठे व्यक्ति को केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलती हैं. नेता प्रतिपक्ष को प्रति माह 3,30000 रुपये सैलरी मिलती है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री को मिलने वाले आवास के स्तर का बंगला और ड्राइवर सहित एक कार मिलती है. नेता प्रतिपक्ष को हर माह एक हजार का सत्कार भत्ता दिया जाता है. इनको 14 लोगों का स्टाफ मिलता है.

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