Rape Victim देश भर में राज्य सरकारों ने जनता की सहायता के लिए हेल्प लाइंस जारी की हैं जहाँ घर बैठे शिकायत दर्ज़ करके समाधान पाया जाता है। ये दावा सरकारों का है लेकिन इसी हेल्पलाइन में कॉल सुनने वालों की माने तो उन्हें दिन भर कभी अजब गजब समस्या तो कभी दिल को हिला देने वाली शिकायतें आती हैं , इसी कड़ी में एक शिकायत एक लड़की की मीडिया की सुर्खियां बनी जिसने अपने रेप होने का दर्द साझा किया है।
लड़की ने अपने साथ हुई दरिंदगी की कहानी सुनाई Rape Victim
सरकारें अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प लाइन नंबर शुरू करती हैं. मकसद होता है कि लोगों को घर बैठे मदद मिले. इन हेल्प लाइन नंबर्स पर कभी लोग मौसम की जानकारी पूछते हैं तो कभी कोई ट्रैफिक का हाल जानते हैं. हेल्प लाइन सेंटर पर अलग-अलग तरह की कहानियां आती रहती हैं. तमिलनाडु में भी शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों की समस्याओं को सुनने के लिए एक हेल्प लाइन नंबर की शुरुआत की. करीब 2 महीने पहले शुरू हुए 24/7 हेल्पलाइन सेंटर ‘14417’ पर स्टूडेंट्स के हर तरह के सवाल आते हैं. कोई मौसम की जानकारी लेता है तो कोई लड़की अपने साथ हुई ज्यादती की दास्तां सुनाती है.
शिक्षा विभाग के इस हेल्प लाइन नंबर एक बार इसी तरह का गंभीर फोन आया. फोन पर एक लड़की ने अपने साथ हुई दरिंदगी की कहानी जब सुनाई तो काउंसलर भी चौंक गई. काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट सलमा के मुताबिक, उन्हें एक लड़की का फोन आया था. उस लड़की ने फोन पर जब बताया कि उसके पड़ोसी ने उसका रेप किया तो उनके पैर तले जमीन खिसक गई. उन्हें यकी नहीं हो रहा था कि हेल्प लाइन नंबर पर इस तरह की समस्या भी आ सकती है. उस लड़की के घर वाले बदनामी के डर से मामले को दबाने की कोशिश में थे. इस वजह से लड़की ने उस हेल्प लाइन नंबर पर कॉल किया था.
उस कॉल को याद कर साइकोलॉजिस्ट सलमा ने कहा, ‘तमिलनाडु के एक छोटे से गांव की स्कूली छात्रा ने फोन किया और मुझे बताया कि उसके पड़ोसी ने उसके साथ रेप किया है. उसने अपने माता-पिता को इसके बारे में बताया. इसके बाद जब बच्ची को लेकर माता-पिता पड़ोसी के घर गए तो आरोपी की पत्नी उनसे भिड़ गई. पीड़ित बच्ची और उसके माता-पिता से दरिंदे की पत्नी ने कहा कि लड़की को खुद को लकी समझना चाहिए कि उसका रेप हुआ है. परिवार को लगा कि शिकायत करने से बदनामी होगी और उन्होंने इस तरह मामले को दबाने की कोशिश की. यही वजह थी कि वह लड़की हेल्प लाइन नंबर के जरिए हम तक पहुंची थी.’
दरअसल, पीड़ित बच्ची ने नुंगमबक्कम स्थित कॉल सेंटर पर यह फोन किया था. इस कॉल सेंटर पर रोजाना कम से कम 500-600 और हर महीने 5,000 से ज़्यादा कॉल आते हैं. जब सरकार कोई नई स्कीम की घोषणा करती है तो कॉल की संख्या और बढ़ जाती है. यह सेंटर अब तक तमिलनाडु में एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स की मदद कर चुका है. इस हेल्प लाइन सेंटर पर ट्रेनिंग हर तरह के कॉल से निपटने के लिए होती है. यहां बच्चे मारपीट से लेकर यौन शोषण तक की परेशानियां शेयर करते हैं.
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