Sanitary Machine Uttarakhand : सेनेटरी नैपकिन की 8 हज़ार मशीन लगाएगी सरकार – रेखा आर्या , Positive World

देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट – 
Sanitary Machine Uttarakhand प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने देहरादून में ‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुविधा की तरफ एक रचनात्मक पहल “मेरी सहेली” सैनेटरी नैपकिन पैड वैंडिंग मशीन कार्यक्रम में  महिला चिकित्सकों ने बालिकाओं को माहवारी में क्या करना चाहिए और क्या नही के बारे में जानकारी दी। साथ ही बालिकाओं व महिलाओं में माहवारी से संबंधित फैली भ्रांतियों के बारे में बताया।

Sanitary Machine Uttarakhand पांच रुपये में मिलेंगी 2 सैनेटरी नैपकिन, पूरे प्रदेश में लगाई जाएंगी 8 हजार मशीन –  रेखा आर्या

Sanitary Machine Uttarakhand महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं की झिझक और स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखते हुए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने की यह पहल की है।लड़कियों में सैनिटेशन, हेल्थ अवेयरनेस बढ़ाने और उनकी झिझक मिटाने के लिए यह कोशिश की जा रही है।कहा कि स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्रों अस्पताल समेत लड़कियों और महिलाओं की पहुंच वाले क्षेत्रों में ये नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।इन सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन से पांच रुपये में दो सैनेटरी नैपकिन प्राप्त की जा सकती हैं और पूरे प्रदेश में ऐसी 8 हजार मशीनें लगाई जाएंगी।कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आज भी इस संबंध में महिलाएं खुलकर बात नहीं करती हैं। किशोरी एवं महिलाओं माहवारी के समय घरेलू कपड़े का उपयोग करती हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।कहा कि इस मशीन द्वारा तैयार किए गए सेनेटरी पैड का उपयोग सुरक्षित है। 
Sanitary Machine Uttarakhand मासिक धर्म के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना है जरूरी, जागरूकता की है आवश्यकता-रेखा आर्या
Sanitary Machine Uttarakhand विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारे देश मे मासिक धर्म के सम्बन्ध में चर्चा करने में आज भी कई जगहों पर बालिकाएं और महिलाएं झिझकती हैं, ऐसे में इस दौरान उन्हें क्या एहतियात बरतने चाहिए, वे नहीं जानती। इस तरह से वे खुद के स्वास्थ्य को खतरे में डाल देती हैं।कहा कि मासिक धर्म के समय स्वच्छता बनाए रखने के लिए और खुद को किसी भी तरह के इफेक्शन से दूर रखने के लिए आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कई गांवों व छोटे शहरों में आज भी महिलाएं मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही आज भी मासिक धर्म पर स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है जिसकी वजह से कई तरह के संक्रमणों का खतरा बना रहता है। इन सभी मुद्दों पर अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि किसी भी देश का विकास महिलाओं के विकास के समानुपाती होता है और देश के विकास का सबसे महत्वपूर्ण सूचक महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य ही है।
Sanitary Machine Uttarakhand
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Sanitary Machine Uttarakhand  इस घोषणा के अंतर्गत मुख्यमंत्री के विशेष प्रयासों से प्रथम चरण में रू0 10.00 करोड़ की धनराशी अवमुक्त की गयी, जिसके सापेक्ष ‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुविधा की तरफ एक रचनात्मक पहल करते हुए “मेरी सहेली सेनेटरी नेपकिन पैड वैण्डिंग मशीन” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। जिसके तहत प्रथम चरण में ही पूरे उत्तराखण्ड राज्य के आगनवाडी केन्द्रों के साथ ही महिला आई०टी०आई०, महिला पॉलीटेक्निक, कक्षा 09 से 12 तक के बालिका एवं सह शिक्षा विद्यालय, स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उच्च शिक्षा संस्थान, बालिका छात्रावास (सभी सरकारी एवं गैर सरकारी) जैसे स्थलों / केन्द्रों में आदि में कुल 8000 सैनेटरी नैपकिन मशीन की स्थापना की जायेगी,जिससे प्रत्यक्ष रूप से राज्य भर की लाखों बालिकाओं एवं महिलाओं को लाभ प्राप्त होगा।
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