Secret Sentinal Island भारत में ही एक ऐसा द्वीप है, जहां किसी भी बाहरी व्यक्ति के जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगी हुई है. ये पाबंदी खुद भारत सरकार ने लगाई है. इस द्वीप पर रहने वाले पुरुष, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग पुराने आदिवासी कबीलों की ही तरह बिना कपड़ों के रहते हैं. हम अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सेंटिनल द्वीप की बात कर रहे हैं.सेंटिनल द्वीप पर जाना जानलेवा साबित हो सकता है.
सेंटिनल आइलैंड जाने पर है प्रतिबंध Secret Sentinal Island

इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि कुछ साल पहले कुछ विदेशी पर्यटक चुपचाप द्वीप पर पहुंच गए, लेकिन वे कभी जिंदा लौटकर नहीं आ पाए. केवल उनका शव ही द्वीप से बाहर आया. फिर एक अमेरिकी पर्यटक द्वीप पर गया तो इस द्वीप पर रहने वाले सेंटिनेलिस जनजातीय समुदाय के आदिवासियों ने उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी. इस द्वीप के बारे में जो थोड़ी-बहुत जानकारी बाहर आ पाई है, उसके मुताबिक सेंटिनल आइलैंड बेहद खूबसूरत है. सेंटिनेलिस जनजाति को बेहद खतरनाक माना जाता है.
सेंटिनल आइलैंड पर आम लोगों या पर्यटकों ही नहीं, सेना और सरकारी अधिकारियों का जाना भी प्रतिबंधित है. ये रहने वाले आदिवासी इतने खतरनाक हैं कि अब तक इस द्वीप पर किसी उद्यमी के नहीं जाने के कारण किसी तरह का विकास नहीं हो पाया है. अक्सर इस आइलैंड की तुलना हॉलीवुड फिल्म किंग कॉन्ग के स्कल आइलैंड से की जाती है, जहां जाकर वापस आना नामुमकिन माना जाता है. इस द्वीप का पूरा नाम नार्थ सेंटिनल आइलैंड है. इस द्वीप का एरियल व्यू किसी भी दूसरे आम द्वीप की तरह एकदम शांत है. द्वीप पर प्रकृति का राज है. हर तरफ हरियाली और खूबसूरत नजारे हैं.
सेंटिनल जनजाति का वजूद 60,000 साल पुराना है.
प्रशांत महासागर के नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर रहने वाली रहस्यमय आदिम जनजाति का आधुनिक युग से कोई सरोकार नहीं है. समुदाय के लोग बाहरी लोगों व्यक्ति से किसी तरह का संपर्क नहीं रखते हैं. किसी बाहरी व्यक्ति के सामने आने पर द्वीप के आदिवासी हिंसा पर उतारू हो जाते हैं. फिर उस पर घातक हमला करके उसे मार देते हैं. इस आइलैंड पर 2006 में कुछ मछुआरे गलती से पहुंच गए थे. उन सभी मछुआरों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी. जनजातीय समुदाय के आदिवासियों को आग के तीर चलाने में महारत हासिल है. अगर उन्हें द्वीप के सीमा क्षेत्र में कम ऊंचाई पर कोई विमान उड़ता हुआ दिखता है तो वे आग के तीर से उस पर हमला कर देते हैं.
द्वीप पर कब से है सेंटिनेलिस का वजूद ?
सेंटिनल आइलैंड पर रहने वाली जनजाति का वजूद 60,000 साल पुराना है. इस समय द्वीप पर जनजाति की कुल आबादी के बारे में ठोस जानकारी नहीं है. अनुमान के मुताबिक, यहां इनकी कुल आबादी कुछ दर्जन से लेकर 100-200 तक हो सकती है. किसी भी प्रकार के बाहरी दखल को ये लोग बर्दाश्त नहीं करते हैं. इसलिए इनके रीति-रिवाज, इनकी भाषा, रहन-सहन की किसी को ज्यादा जानकारी नहीं है. कई बार इन्हें समुद्र तटीय इलाकों में देखा गया है. इसी आधार पर माना जाता है कि यहां के लोग कोई कपड़ा नहीं पहनते हैं. सेंटिनल आइलैंड पर रहने वाली जनजाति धरती की सबसे कमजोर जनजाति है. उनके भीतर रोग प्रतिरोधक क्षमता ना के बराबर है. मामूली सी बीमारी से भी उनकी मौत हो सकती है.