shilajit Benefits Video शिलाजीत के बारे में आपने सुना होगा. ज्यादातर लोग इसके फायदों से परिचित होंगे. पहाड़ों में सदियों से बनने वाला यह पदार्थ न सिर्फ एनर्जी देता है, बल्कि आपकी सेहत को भी दुरुस्त रखता है. इसमें फुल्विक एसिड समेत कई ऐसे तत्व होते हैं जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाते हैं. दिल की दिक्कतों को दूर करते हैं. यह सूजन को कम कर सकता है, साथ ही मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है. ज्यादातर लोग जानते हैं कि इसे पहाड़ों पर पेड़ों से निकाला जाता है. लेकिन हकीकत क्या है? शिलाजीत बनती कैसे है? असली और नकली की पहचान कैसे करें?
इंस्टाग्राम पर वीडियो वायरल shilajit Benefits Video

सबसे पहला सवाल कि शिलाजीत है क्या? क्या यह पौधों से निकाला जाता है? जवाब है, शिलाजीत पूरी तरह से पौधे नहीं होते. पहाड़ की चट्टानों के बीच कुछ पौधे उगे होते हैं और जब भयंकर गर्मी पड़ती है तो ये सूख जाते हैं. सूखने के बाद इनमें से तरल द्रव पिघलकर टपकने लगता है. पहले जमीन से इसे उठाया जाता था. लेकिन अब एक निश्चित समय पर इसे निकाल लिया जाता है ताकि गिरने ही न पाए. इसके बाद गर्म करके कई अन्य चीजों को मिलाकर इसे बनाया जाता है.
ऐसे तैयार होती शिलाजीत
इंस्टाग्राम पर foodie_incarnate एकाउंट से जो वीडियो शेयर किया गया है, उसमें शिलाजीत बनाने की पूरी प्रक्रिया समझाई गई है.https://www.instagram.com/reel/CychT-OLV5q/?utm_source=ig_web_copy_link
एक्सपर्ट इनके घटकों को इकट्ठा करने के लिए ऊंची ऊंची चढ़ाई करते हैं. शिलाजीत वाली चट्टानों को ढूंढकर इकट्ठा करते हैं. इन्हें पूरे दिन एक खास प्रक्रिया के साथ उबाला जाता है. तेज गर्मी की वजह से शिलाजीत गंदगी से अलग हो जाता है और पानी की सतह पर आ जाता है. फिर छानकर अशुद्धियां दूर की जाती हैं. एक्सपर्ट ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 8 घंटे का समय लगता है. सारा पानी वाष्पित हो जाता है. बाकी बचा हिस्सा यानी शुद्ध शिलाजीत पैक करके बेचने के लिए तैयार कर लिया जाता है. पॉलिथीन में चिपक न जाए, इसलिए पॉलिथीन की सतह पर तेल लगाया जाता है
असली-नकली कैसे पहचानें
बता दें कि शिलाजीत में अमिनो एसिड, आयरन, लिथियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर, सोडियम, जिंक जैसे 39 तरह के तत्व होते हैं. बाजार में बिक रहा 50 फीसदी से ज्यादा शिलाजीत नकली है. क्योंकि असली शिलाजीत की कीमत 100000 रुपये प्रति किलो है. चरक संहिता में लिखा है कि शिलाजीत पित्त, कफ-पित्त, वात, कफजन्य रोगों में काफी फायदेमंद है. आमतौर पर दूध में घोलकर शिलाजीत का सेवन किया जाता है. असली-नकली शिलाजीत को पहचानने का एक तरीका भी है. शिलाजीत को जलते हुए कोयलों के उपर रखें. अगर धुंआ न उठे और यह बहने लगे तो कुछ बूंद जीभ पर रखें. स्वाद कड़वा हो तो समझना चाहिए कि असली शिलाजीत है.