Shrikant Jichkar Story आज जब राजनीती में क्रिमिनल्स , विवादित माफिया तंत्र , अल्पज्ञानी और हनकदार लोग विधायक और सांसद का चुनाव जीत लेते हैं तो ऐसे में एक नाम याद आता है और वो नाम है डॉ श्रीकांत जिचकर का , एक ऐसे नेता जिन्हें भारत का सबसे योग्य सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा इंसान कहा जाता है. उनका रिकॉर्ड शायद ही कोई नेता या पढ़ा लिखा शख्स कभी तोड़ पायेगा। उन्होंने करियर की शुरुआत एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में की. जब वह आईपीएस बने तब उनके पास 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं. फिर वो आईएएस में सेलेक्ट हुए. दोनों ही बार उन्होंने इन शानदार नौकरियों को ठुकरा दिया. 14 सितंबर 1954 के दिन जिचकर का जन्म हुआ था. लिम्का बुक ने उन्हें देश का सबसे योग्य व्यक्ति बताया था.
क्या कभी कोई नेता तोड़ सकेगा रिकॉर्ड ? Shrikant Jichkar Story

लोग कहते हैं कि हमारे देश के नेता कम पढ़े लिखे हैं. लेकिन हमारे देश में एक नेता ऐसा भी था, जो सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा था. अगर उसकी डिग्रियों और उपलब्धियों की बात करें तो वो दुनिया का सबसे पढ़ा लिखा और डिग्रियों वाला नेता कहला सकता है. महाराष्ट्र सरकार में वह लोकप्रिय मंत्री रहा. एक सड़क हादसे में उनकी मृत्यु हो गई. श्रीकांत 1978 में इंडियन सिविल सर्विसेज एग्जाम में बैठे. उनका सेलेक्शन भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस में हुआ. उन्होंने इसे छोड़ दिया. वो फिर इसी एग्जाम में बैठे. अबकी बार उनका चयन एक आईएएस के रूप में हो गया. चार महीने बाद ही उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया. वजह थी चुनाव मैदान में कूदना. 1980 में वो महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में विजयी रहे. 26 साल की उम्र में देश के सबसे युवा विधायक बने.
1973 से लेकर 1990 तक उन्होंने 42 यूनिवर्सिटी एग्जाम दिए
अब श्रीकांत की अन्य डिग्रियों या अन्य पढ़ाई की बात करते हैं. उन्होंने एलएलएम यानी इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. फिर डीबीएम और एमबीए (मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) किया. बात यहीं तक नहीं रही. श्रीकांत ने पत्रकारिता की भी पढाई की, बेचलर ऑफ जर्नलिज्म की डिग्री हासिल की. फिर संस्कृत में डीलिट (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) हासिल किया. जो किसी भी यूनिवर्सिटी की सबसे उच्च डिग्री होती है.उन्होंने समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, दर्शन शास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व और मनोविज्ञान में भी एमए किया था. गौरतलब बात ये भी है कि उन्होंने ये सारी डिग्रियां मेरिट में रहकर हासिल की. पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार गोल्ड मेडल मिले. 1973 से लेकर 1990 तक उन्होंने 42 यूनिवर्सिटी एग्जाम दिए.
हादसे में 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया
श्रीकांत यहीं नहीं रुके वो महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर मंत्री भी बने. 1992 से 1998 के बीच वो राज्यसभा में भी रहे. श्रीकांत के पास देश की सबसे बड़ी पर्सनल लाइब्रेरी थी. जिसमें 52000 से ज्यादा किताबें थीं. डॉ. जिचकर का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भारत के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे व्यक्ति के तौर पर शुमार हुआ. इस प्रतिभाशाली शख्स का जल्दी ही देहांत भी हो गया. 02 जून 2004 की रात श्रीकांत कार से अपने दोस्त के फॉर्म से घर के लिए नागपुर निकले. वो खुद कार ड्राइव कर रहे थे. रास्ते में उनकी कार एक बस से टकरा गई. इस हादसे में 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. बेशक उनकी उम्र कम थी लेकिन ये काफी मायने वाली रही. उन्होंने कई भूमिकाएं अदा कीं. खूब पढाई की. राजनीतिक के तौर पर भी भरपूर काम किया.