देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Uttarakhand एक खबर के लिए दिन भर भागता हांफता दौड़ता पत्रकार …. एक अदद बाइट के लिए घंटों बेवजह वक़्त खर्चता पत्रकार … हटो बचो , नापो तौलो की उलझन उहापोह से जूझता और उसमें से खबर लायक मसाला तैयार करता पत्रकार … दिन , हफ्ता , महीना बस शाम ओ सुब्ह मृगतृष्णा की खोज मे मादकता भरी पत्रकारिता का सोपान करता पत्रकार जनता ही नहीं की उसके अंदर कोई हलाहल जैसा बीमार इंसान भी जन्मता जा रहा है जो अचानक यकायक उसको लंगड़ी मारकर औंधे मुंह गिरा देता है और वो भागता हांफता पत्रकार खामोश हो जाता है।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को मिला निर्देश Uttarakhand
हमने अपने बीच न जाने कितने युवा , ज़िंदादिल हँसते मुस्क़ुराते साथी पत्रकारों को बीते कुछ अलप समय में ही खो दिए हैं जिसकी कसक सालती है और हर पत्रकार के परिवार जैसी वेदना और भय का आइना हमें भी दिखाती है गोया कि हम भी तो भाग ही रहे हैं रोज नई खबर के लिए … यहाँ ज़िम्मेदारी आ जाती है सरकार की जीके लिए हम और आप जनता और सरकार के बीच सेतु का किरदार निभाते हैं तो क्या यही सोच अब उत्तराखंड सरकार के मन में सम्वेदनके रूप में जगी है जो आज एक बेहद ज़रूरी और सर्व हितकारी आदेश जारी किया है जिसका ज़िक्र आगे किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ पत्रकार की असमय मृत्यु हो गयी … कुछ समय पहले ही एक सीनियर विजुअल जर्नलिस्ट की न्यूज़ कवरेज के दौरान ही निधन हो गया था , और भी कई उदाहरण हैं जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के पत्रकारों के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता दिखाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पत्रकारों के लिए शीघ्र एक विशेष मेडिकल कैम्प आयोजित किया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो हर परिस्थिति में जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देते हैं। उनके स्वास्थ्य की देखभाल सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेडिकल कैम्प जल्द
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार एवं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।मेडिकल कैम्प में चिकित्सा विशेषज्ञों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। कैम्प में स्वास्थ्य की सभी आवश्यक जांचें उपलब्ध कराई जाएँगी, ताकि पत्रकारों को समुचित चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार मिल सके।
इस क्रम में स्वास्थ्य सचिव ने निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह कैम्प जल्द ही सूचना विभाग परिसर में आयोजित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आगे भी समय-समय पर ऐसे स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किए जाएँगे, ताकि पत्रकारों को निरंतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके। चलिए एक नेक और बेहद ज़रूरी आदेश देकर सरकार ने अपनी संवेदनशीलता तो दिखाई ही है। बाकी जीवन और मृत्यु तो ऊपर वाले ने सुनिश्चित कर ही रखी है।