Uttarakhand शर्म आनी चाहिए ऐसे दुर्व्यवहार पर !

Uttarakhand डॉक्टर्स भगवान् होते होंगे देश दुनिया में लेकिन लगता है उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में ये दावा करना जल्दबाज़ी होगी क्योंकि आये दिन अस्पतालों में मरीज़ों के संग घटनाये , पहाड़ से मैदान तक गर्भवती महिलाओं के संग अप्रिय लापरवाही के हादसे और अब तो स्वास्थ्य विभाग के लिए ये घटना किसी शर्मिंदगी से कम नहीं है जहाँ एक मरे हुए इंसान के प्रति हेल्थ डिपार्टमेंट का अमानवीय व्यवहार उजागर हुआ है जिसने सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. पौड़ी गढ़वाल के वीरुखाल क्षेत्र में हुई एक सड़क दुर्घटना में घायल 32 वर्षीय संदीप रावत की मौत के बाद एम्बुलेंस या शव वाहन भी नसीब नहीं हुआ और उनका शव पोस्टमार्टम हाउस तक ई-रिक्शा में ले जाया गया.

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से संज्ञान लिया है।स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक करेंगे, जबकि अन्य दो सदस्य निदेशक प्रशासन और निदेशक स्वास्थ्य, कुमाऊं मंडल होंगे। समिति को 30 मई तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

अमानवीय लापरवाही बर्दाश्त नहीं ”- स्वास्थ्य सचिव Uttarakhand

स्वास्थ्य सचिव ने नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, उप जिला चिकित्सालय, रामनगर से भी 26 मई तक विस्तृत आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में यह तथ्य सामने लाया जाए कि उप जिला चिकित्सालय में शव वाहन या एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं थी।डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने सीएमओ को निर्देशित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई – डा. आर राजेश कुमार

स्वास्थ्य सचिव ने कहा यह हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हर व्यक्ति को, चाहे वह जीवित हो या मृत, गरिमा के साथ सेवा और व्यवहार मिले। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जिसमें वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को शामिल किया गया है। समिति को 30 मई तक जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से 26 मई तक घटना की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है। विशेष रूप से यह जांच की जाएगी कि शव वाहन उपलब्ध क्यों नहीं था और इस चूक के लिए कौन जिम्मेदार है।”

26 मई तक घटना की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई

स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेश भर के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी यह निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में शव वाहन की उपलब्धता रहे और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतिम यात्रा तक भी गरिमा बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है।