Uttarakhand Tourism : प्रचार प्रसार में फिसड्डी पर्यटन विभाग !

देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Uttarakhand Tourism  मौक़ा था पर्यटन विभाग की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की वर्चुअल समीक्षा का और सामने बैठे थे सीएम धामी , जिन्होंने दो टूक कहा कि पर्यटन केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण, स्थानीय रोजगार सृजन और पलायन रोकने का माध्यम है। लिहाज़ा उसका प्रचार प्रसार ज़रूर किया जाये। यही नहीं सीएम धामी ने पर्यटन नीति-2023 के तहत राज्य में हो रहे निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।

प्रचार प्रसार के लिए विशेष बजट प्रस्तावित करने के निर्देश Uttarakhand Tourism

Uttarakhand Tourism 

क्या पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज लेंगे प्रचार प्रसार का जिम्मा ?

सुसुप्तावस्था में प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण विभाग पर्यटन लम्बे समय से प्रचार प्रसार में पिछड़ता ही गया है। टूरिज़्म सेक्टर की योजनाओं की जानकारी , नए डेस्टिनेशन का सोशल मीडिया प्रमोशन न होने से नए डेस्टिनेशन और चार धाम यात्रा में सरकार के बेहतरीन प्रयासों की मुकम्मल जानकारी पर्यटन विभाग देने में नाकाम ही साबित हुआ है लिहाज़ा एक ही मीटिंग में कई बार खुद सीएम धामी को प्रचार प्रसार पर ज़ोर देने की हिदायत देनी पड़ी है। मुख्यमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के प्रचार-प्रसार और यात्रियों की सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का भविष्य पर्यटन आधारित समावेशी विकास में निहित है, जिसे सरकार प्राथमिकता से आगे बढ़ा रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी और नैनीताल सहित सभी बड़े टूरिस्ट स्पॉट की कैरिंग कैपेसिटी के आकलन के साथ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी विकसित किए जाएं।मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्थानीय परिवारों को होम स्टे से जोड़ने, तकनीकी व वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने तथा ट्रैकिंग रूट्स के निकट स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना’ को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ की भी समीक्षा की और युवाओं को समयबद्ध ढंग से ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

प्रचार-प्रसार हेतु विशेष बजट प्रस्तावित करने पर बल

मुख्यमंत्री ने ‘गोल्जू कॉरिडोर’ (अल्मोड़ा, चम्पावत, घोड़ाखाल) के मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य प्रारंभ करने एवं रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, एयरो स्पोर्ट्स, रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के नियमित संचालन हेतु योजना तैयार करने, प्रचार-प्रसार हेतु विशेष बजट प्रस्तावित करने एवं स्थलों की वहन क्षमता का आकलन करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु संभावित स्थलों की पहचान एवं प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, अनुदानों के पारदर्शी वितरण और प्राप्त निवेश को ज़मीनी लाभ में बदलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के विस्तार की रणनीति तैयार करने एवं पंचायत स्तर पर थीम-आधारित ‘टूरिज्म विलेज’ विकसित किए जाएं।
इस दौरान बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, मीनाक्षी सुन्दरम, पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल, उत्तराखण्ड स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ट्री वुमेन लक्ष्मी अग्रवाल का अनोखा अभियान https://shininguttarakhandnews.com/harela-uttarakhand-laxmi-agrawal-bjp/