What are Nanorobots सिर्फ पांच साल बाद आप अमर हो जायेंगे !

What are Nanorobots खबर आपको चौंका देगी , हैरान कर देगी लेकिन ये ऐसा विषय है जिसपर दुनिया भर के वैज्ञानिक खोज में जुटे हैं और वो सब्जेक्ट है इंसान का अमर होना …. इसी कड़ी में गूगल के पूर्व वैज्ञानिक और मशहूर भविष्यवक्ता रे कुर्ज़वील ने हाल ही में दावा किया है कि आने वाले वर्षों में इंसान अमरता हासिल कर सकता है.गूगल के पूर्व वैज्ञानिक और मशहूर भविष्यवक्ता रे कुर्ज़वील ने हाल ही में दावा किया है कि आने वाले वर्षों में इंसान अमरता हासिल कर सकता है और यह संभव होगा नैनोरोबोट्स की मदद से. कुर्ज़वील, जो कंप्यूटर विज्ञान और भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते हैं, अब तक की गई 147 में से करीब 86% भविष्यवाणियां सही साबित कर चुके हैं.

जानकारी के अनुसार, एक यूट्यूब इंटरव्यू में टेक व्लॉगर अडाजियो से बात करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह जेनेटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स के क्षेत्र में हो रही तेज़ प्रगति इंसानी जीवन को पूरी तरह बदल सकती है. उनका मानना है कि यही तकनीकी क्रांति इंसानों को 2030 तक मौत से बचा सकती है, एक ऐसा समय जब जीवन अनंत हो जाएगा.

नैनोबोट्स क्या होते हैं ?

कुर्ज़वील का मानना है कि Nanorobots जो कि बेहद सूक्ष्म रोबोट होते हैं और जिनका आकार केवल 50 से 100 नैनोमीटर होता है, आने वाले वर्षों में हमारे शरीर के अंदर रक्तप्रवाह के ज़रिए घूम सकेंगे. अभी ये तकनीक रिसर्च में डीएनए प्रोब, सेल इमेजिंग और दवा पहुंचाने जैसे कामों में इस्तेमाल हो रही है लेकिन भविष्य में यही नैनोबोट्स कोशिकाओं को ठीक कर बुढ़ापे और बीमारियों से लड़ने में सक्षम होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नैनोटेक्नोलॉजी शरीर को इस तरह बेहतर बनाएगी कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी खाकर भी चुस्त-दुरुस्त और ऊर्जावान रह सकेगा.

 

पहले की भविष्यवाणियां भी हुई हैं सच

कुर्ज़वील की पहले की कई भविष्यवाणियां भी सही निकली हैं जैसे कि कंप्यूटर द्वारा शतरंज में इंसान को हराना, इंटरनेट का तेज़ी से बढ़ना और वायरलेस तकनीक का वर्चस्व में आना. साल 2003 में उन्होंने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि भविष्य में Nanorobotsहमारे पाचन तंत्र और रक्त में घूमते हुए शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व देंगे बाक़ी बेकार हिस्सों को बाहर निकाल देंगे और सब कुछ हमारे वायरलेस नेटवर्क से जुड़कर करेंगे.गूगल ने उन्हें 2012 में मशीन लर्निंग और लैंग्वेज प्रोसेसिंग से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए हायर किया था. गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज ने उनकी भूमिका को एक ही वाक्य में समझाया था: “गूगल की भाषा समझने की क्षमता को बेहतर बनाना.”

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