यहाँ है इकलौता यमराज की कचहरी Yamraj Court

भरमौर स्थित चैरासी मंदिर इस मंदिर की मान्यता है की यह एक मात्र मौत के देवता का अकेला मंदिर है। इस मंदिर में माना जाता है इंसान अगर जिंदा रहते हुए नही आया तो मौत के बाद उसके आत्मा को यहां आ पड़ता है। यहां आने के बाद उसके पाप और पुण्य दोनों का फैसला कर के उसे स्वर्ग और नर्क में भेजा जाता है।मंदिर परिसर में हिंदू देवताओं के 84 मंदिर हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें 84 प्रजातियों को जन्म से मुक्ति देने की शक्ति है।
इस मंदिर में एक खाली कमरा है जिसे चित्रगुप्त का कमरा माना जाता है। चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो जीवात्मा के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दू उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं।
चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मों का पूरा ब्यौरा देते हैं इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है।इस मंदिर की मान्यता दूर दूर तक फैली हुई है लेकिन मृत्यु के देवता यमराज के भय से लोग यहां दिन में भी बाहर से ही दर्शन कर लौट जाते हैं प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि मे यहां भव्य आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में भक्त जुटते है। है ना ये अनोखा मंदिर अगर आपको शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ की ये जानकारी पसंद आयी हो तो सभी के साथ शेयर जरूर करें ..
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