Migration in Uttarakhand : बच्चों के साथ महिलाएं कर रही पलायन , बिखर रहा परिवार , 1 Sad Reality of Hills

Special Story By – Abhilash Khanduri , Uttarakhand – 

Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें

Migration in Uttarakhand उत्तराखंड के पहाड़ों से पलायन की बहुत खबरें आप पढ़ते और सुनते होंगे। खाली होती अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर केंद्रीय सरकार से लेकर प्रदेश की धामी सरकार भी चिंता ज़ाहिर करती रहती है। पलायन अक्सर रोज़गार के लिए होता है लेकिन अब उत्तराखंड के कई गाँवों से महिलाओं का बच्चों के साथ पलायन की वजह बेहतर शिक्षा बन गयी है। जी हाँ ऎसी ही खबरें इन दिनों मीडिया में आने लगी है जो हैरान करने वाली है।

Migration in Uttarakhand बच्चों के साथ महिलाएं कर रही पलायन 

Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  • दरअसल आज अभिभावक अपने बच्चों को हर हाल में बेहतर शिक्षा देना चाहता है। Migration in Uttarakhand ऐसे में आज के डिजिटल युग में पहाड़ों की एजुकेशन सुविधा और स्कूलों की असलियत किसी से छिपी नहीं है। दावे लाख हों , योजनाएं कितनी भी बना ली जाये लेकिन दुर्गम रास्तों पर शिक्षा व्यवस्था चरमराई ही रहती है। अब यही कारण बन रहा है ग्रामीण महिलाओं का अपने बच्चों के साथ शहरों की तरफ बढ़ता पलायन
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  • पहाड़ के ग्रामीण बताते हैं कि बागवानी व पर्यटन से क्षेत्र के युवा जुड़े हुए हैं… स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं… ग्रामीण आर्थिक रूप से भी संपन्न हैं. लेकिन क्षेत्र में शिक्षा के लिए बेहतर संसाधन नहीं हैं. जिससे महिलाएं बच्चों के साथ शहरों में रहने को मजबूर हैं….
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  • खबर में विकासखंड भटवाड़ी के करीब आठ गांवों में हुए Migration in Uttarakhand पलायन का जिक्र ज़रूरी हो जाता है जहाँ से अब तक गांवों के 80 फीसदी परिवारों की महिलाओं ने शहरी क्षेत्रों में पलायन किया है… अनोखी बात यह है कि ये महिलाएं रोजगार के लिए गांव से शहर नहीं गई हैं… बल्कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए इन्होंने गांवों से पलायन किया है… जबकि पुरुष गांवों में ही रह रहे हैं…. विकासखंड भटवाड़ी के सुक्की, झाला, जसपुर, पुराली, हर्षिल, बगोरी, मुखबा और धराली में सेब की बागवानी बड़े स्तर पर की जाती है….
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  •  ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र में शिक्षा के बेहतर संसाधन न होना है…. ग्रामीणों का कहना है कि हर्षिल में अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय होना चाहिए… इसके ‌‌लिए जीआईसी हर्षिल को अटल उत्कृष्ठ विद्यालय का दर्जा दिया जाना चाहिए… अटल उत्कृष्ठ विद्यालय का दर्जा मिलने पर यहां छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं… लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण यहा छात्रों की संख्या लगातार घट रही है… बच्चों को पढाने के लिए करीब 80 फीसदी परिवारों की महिलाएं देहरादून या उत्तरकाशी में रह रही हैं…
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  • Migration in Uttarakhand सुक्की गांव के सेब काश्तकार का कहना है कि हमारे गांवों में सेब, राजमा, आलू की अच्छी पैदावार होती है…. पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं… इन क्षेत्रों में ग्रामीण बेहतर कार्य कर रहे हैं… जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी है… इतना सब कुछ होने के बावजूद भी हमें शिक्षा के लिए गांवों से पलायन करना पड़ रहा है… क्षेत्र में ‌शिक्षा की बेहतर सुविधा न होने बच्चों सहित उत्तरकाशी शहर में रह रहे हैं… यदि हर्षिल या भटवाड़ी में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय की सुविधा उपलब्ध हो जाए, तो हमें गांव नहीं छोड़ना पड़ेगा…
Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें
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  • युवा महिलाएं भी कहती हैं कि स्वरोजगार के बेहतर साधन उपलब्ध तो हैं… जिन से जुड़कर गांवों के युवा अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं…. Migration in Uttarakhand लेकिन क्षेत्र में शिक्षा की बेहतर सुविधाएं नहीं हैं… लिहाज़ा आज हालत ये है कि गांव छोड़ बच्चों की पढ़ाई के लिए ज्यादातर महिलाएं देहरादून का रुख कर रही हैं। ऐसे में अगर धामी सरकार हर्षिल क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना करा देती है तो गांव में रह कर ही बच्चों को अच्छी सुविधा मिल सकती है।

Migration in Uttarakhand : सीएम साहिब ध्यान दें

  • ग्रामीणों का कहना है कि यदि हर्षिल में केंद्रीय विद्यालय बना दिया जाए तो न सिर्फ महिलाओं का बच्चों के साथ पलायन थमेगा बल्कि ग्रामीणों की ‌खुशाली और बिखरते परिवार एक छत के नीचे आ जायेंगे …. Migration in Uttarakhand … अब जबकि प्रदेश में युवा धामी सरकार बड़े बदलाव और बहुमुखी विकास के भरोसे के साथ काम करने का दावा कर रहे हैं तो ऐसे में देखना होगा कि पहाड़ से हो रहे महिलाओं और बच्चों के पलायन पर उत्तराखंड सरकार क्या कदम उठाती है।

पढ़िए पहाड़ की अनोखी परम्परा का महत्व – https://shininguttarakhandnews.com/jaunsar-bawar-culture/

 

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