scriptures secret आपको जीवन में अक्सर ये सीख ज़रूर मिलती होगी कि गलतियों से सीखो उन्हें न दोहराओ न अपनाओ। दरअसल इंसान भी गलतियों का पुतला है ये भी सच है। लेकिन क्या आप जानते हैं शास्त्रों में जीवन जीने के दिलचस्प तरीके भी बताये गए हैं लेकिन साथ ही साथ उनमें कई ऐसी चीजें भी बताई गयी हैं, जो आपको जीवन में गलतियाँ करने से रोकती हैं। शास्त्रों में 13 ऐसी गलतियाँ बताई गयी हैं, जिन्हें अगर कोई मनुष्य करता है, तो उसका नाश पक्का है। तो, चलिए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वो गलतियाँ…
कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां scriptures secret
जीवन में हम सभी गलतियाँ करते हैं, लेकिन कुछ गलतियाँ ऐसी होती हैं जो हमें बड़े नुकसान पहुंचा सकती हैं। आध्यात्मिक गुरु ने भी शास्त्रों में वर्णित 13 ऐसी गलतियां बताई हैं, जिन्हें जीवन में कभी नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपका जीवन बर्बाद हो सकता है। पुराणों और शास्त्रों के विद्वान् कहते हैं कि इन गलतियों को सदैव ध्यान में रखें, तभी ये संभव है कि आप इन गलतियों का ना करें। उन्होंने किन 13 गलतियों की बात की है, चलिए जानते हैं…
अपनी बुराई खुद करना – शास्त्रों में कहा गया है कि इन्सान को कभी भी अपनी बराई खुद नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना अहंकार की निशानी है और
अहंकार मनुष्य का जीवन बर्बाद कर देता है। ऐसे व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है, जो उसे कुछ भी नया सीखने से रोक देता है।
लालच से बचें – हमें हमेशा लालच से बचना चाहिए और जितना है उसी में संतोष करके जीना चाहिए। लालच करने वाला अक्सर अपनी संतुष्टि के लिए गलत रास्ते पर चल पड़ता है।
अपमान को सहन करें – यदि आपका अपमान होता है, तो आपको उसे सहन करना होगा। उससे आपके पाप नष्ट हो जाएंगे लेकिन जो तनिक भी अपमान होने पर बहुत क्रोध करता है, वो क्रोध उसका पतन करा देता है। अपमान करने वाले का कर्म उसे दंड देगा लेकिन आप अगर उसपर क्रोधित होते हैं, तो निश्चित ही आपका भी पतन तय है।
निरंतर क्रोध और उसका चिंतन – जो लोग दिनभर बैठे-बैठे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते रहते हैं और फिर बाद में सोचते हैं कि आगे फिर ऐसा नहीं करेंगे और पुन – ऐसा करते हैं, ऐसे लोगों का यह स्वभाव उनकी दुर्गति करा देता है। जो पाप कर्म उत्साहित होकर करते हैं, उसके प्रति उपासक को तो बहुत सावधान रहना चाहिए।
आश्रित जनों की रक्षा करें – अगर कोई निर्दोष या अबोध पशु, पक्षी या मनुष्य ही आपके पास आता है और आप उसकी रक्षा नहीं करते हैं, तो आपका यह फैसला आपका जीवन नष्ट कर सकता है।
निडर और उत्साहित होकर पापाचरण ना करें – अगर कोई भी मनुष्य निडर होकर पाप करता है, तो उसका नाश पक्का है।
दुरविचारों का चिंतन और उनसे बचें, प्रभु का चिंतन करें – जो लोग संभोग का ही चिंतन करते है, दूसरी स्त्रियों की तरफ काम दृष्टि देखते हैं, उसके पुण्य समाप्त हो जाते हैं और उनकी दुर्गति होनी तय है।
विषमता रखने वाला व्यवहार न रखें – किसी के साथ खराब या भेदभाव वाला व्यवहार करने वाला कभी खुश नहीं रहता।
अत्यंत मान प्रियता ना रखें – जो सिर्फ यह सोचता है कि सिर्फ मुझे सम्मान मिले ऐसी सोच रखने वाले के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
दान देकर पश्चाताप करना या मुकर जाना – जो रुपए देने की बात कहकर मुकर जाते हैं या दान के बाद दु:ख मानते हैं, उनका पुण्य भी नष्ट हो जाता है।
अत्यंत कृपण होना – न परिवार को सुख न संसार को सुख दे पाने वाला व्यक्ति जो सिर्फ हर समय धन की चिंता करता है, बस रुपया की ही हर समय चर्चा करने वाला मनुष्य स्त्री या पुरुष कभी खुश नहीं रह सकता।
अर्थ और काम का लगातार चिंतन और भोग न करें – हमेशा पैसा और वासना के बारे में सोचने वाला भी बर्बादी की राह पर रहता है।
बालक, स्त्री, विक्षिप्त और असहाय की रक्षा करना – जो अपने घर के बड़े बुजुर्गों के साथ गलत व्यवहार करता है, उसकी दुर्गति निश्चित होगी।