Mysterious Nagling Flower रहस्यमय फूल क्यों नहीं चढ़ता शिवलिंग पर

Mysterious Nagling Flower  भगवान शिव को जंगल में पाए जाने वाले ज़हरीले से ज़हरीले फल और फूल समर्पित किए जाते हैं, जिसमें मदार, धतूरा, भांग जैसी चीजें शामिल हैं. एक फूल ऐसा भी है, जो हूबहू शिवलिंग पर फन फैलाए बैठे नागदेव की तरह दिखाई देता है, बावजूद इसके कोई भी इस सुंदर से दिखने वाले फूल को शिवलिंग पर समर्पित नहीं करता है. इसके पीछे एक खास वजह है.

नाग के फनों से ढंके शिवलिंग की आकृति की तरह फूल Mysterious Nagling Flower

आपने अगर कोई पुराने शिव मंदिर देखे होंगे, तो वहां पर कहीं न कहीं नागलिंग का पेड़ ज़रूर देखा होगा. इस पेड़ में लगने वाले फूलों की खासियत ये होती है कि ये बिल्कुल शिवलिंग पर फन फैलाए हुए सांप की तरह दिखाई देते हैं. दिखने में बेहद खूबसूरत ये फूल देखकर आप ज़रूर आकर्षित हो जाएंगे क्योंकि इसमें सुंदर रंग भरे होते हैं.इस फूल को अंग्रेज़ी में कैननबॉल ट्री कहा जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम कौरौपीटा गियानेंसिस (Couroupita guianensis) है. इनके फल कैननबॉल की तरह होते हैं और इन्हें इंसान तो नहीं लेकिन चमगादड़ काफी पसंद करते हैं. ये पेड़ ज़रूर महादेव से जुड़ा है लेकिन इसकी उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका में हुई थी.


पेड़ की ऊंचाई 3 मीटर होती है और इसकी पत्तियां गुच्छों में होती हैं. इसके फूल गुच्छों में खिलते हैं और जब तक कुंड फूलों से ढंक न जाए, तब तक फूल लगते रहते हैं. दिलचस्प बात ये है कि एक पेड़ में 1000 से ज्यादा फूल एक ही दिन में खिल सकते हैं. जिनका रंग गुलाबी, बैंगनी, सफेद और पीला होता है.
हालांकि इन फूलों में पराग कम होता है, लेकिन कीट-पतंगे इस पर आकर बैठते ज़रूर हैं. पेड़ की खासियत ये भी है कि इसकी सारी पत्तियां गिर जाती है और फिर 7 दिन के अंदर पूरी तरह से आ जाती हैं. ये क्लोरीन के संपर्क में आकर खत्म हो जाता है लेकिन 24 घंटे में ही फिर रिवाइव हो जाता है.


अब आप सोच रहे होंगे कि फूल की इतनी खासियत है, फिर भी ये आखिर शंकर जी की तरह होने पर भी उनके मंदिर में क्यों नहीं ले जाया जाता. दरअसल इस फूल का दुर्गुण ये है कि इसमें से खुशबू नहीं तेज़ बदबू आती है. रात भर ये बदबू तेज़ होती है और सुबह भी उठने लगती है. यही वजह है कि इसे तोड़ना या इस्तेमाल में लेना कोई पसंद नहीं करता.


ऐसा नहीं है कि फूल का कोई उपयोग नहीं है. इसमें औषधीय गुण होते हैं. पेड़ के अर्क का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर, दर्द और सूजन के इलाज में होता है. ये सर्दी और पेटदर्द को भी ठीक कर सकता है. घावों को भरने में भी इसका इस्तेमाल होता है. इसके फल इतने भारी-भरकम होते हैं कि इन्हें सड़क के किनारे नहीं लगाया जाता, ताकि किसी को चोट न लग जाए. इसके फलों के गिरने से तेज़ आवाज़ और गंध उठती है.