देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट —
Akhara Dress Code अगर आप देवभूमि आ रहे हैं और आपकी वेशभूषा वेस्टर्न टाइप है तो पहले ये खबर पढ़ लीजिये फिर अपनी ड्रेस सही कर लीजिये क्योंकि अब अधनंगे , उटपटांग और चुनिंदा ड्रेस मंदिरों और धार्मिक स्थलों में आपकी इंट्री बैन करने की वजह बन सकती है।
Akhara Dress Code जिन कपड़ों से शर्म आये वो होंगे प्रतिबंधित

Akhara Dress Code जी हाँ मीडिया रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड के मंदिरों में युवा और युवतियां पाश्चात्य संस्कृति के अत्याधुनिक कपड़े पहन के नहीं आ सकेंगे। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक और 10 नाम नागा सन्यासियों के महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के सचिव तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आजकल कई युवाओं और युवतियों के साथ साथ उनके मां-बाप भी ऐसे कपड़े पहन कर मंदिरों में आ जाते हैं जिन्हें देखकर शर्म आती है। उन्होंने कहा कि अब पाश्चात्य कपड़ों को पहनकर मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सकेगा।
Akhara Dress Code हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में फिलहाल यह पाबंदी लगाई गई है और श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के पूरे देश में जहां भी मंदिर हैं वहां यह सब ड्रेस कोड लागू किया जाएगा दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार के प्राचीन मंदिरों में से एक है जहा लोग दूर दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते है और मंदिर के प्रति लोगो की बड़ी आस्था है ।
Akhara Dress Code महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि ऐसे युवा जो की कम कपड़े पहन कर मंदिर आयेगे उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।आजकल के युवा मंदिर की मर्यादा के विरुद्ध कपड़े पहनकर मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे है जिससे की मंदिर में आने वाले बाकी श्रद्धालुओ की धार्मिक भावना आहत हो रही है और लोग इसकी शिकायत मंदिर समिति से कर रहे है जिसपर मंदिर समिति ने कड़ी कार्यवाही करते हुए ऐसे लोग जो की कपड़ो की मर्यादा को पार करते हुए मंदिर आ रहे हैं उनपर रोक लगाने का फैसला किया गया है।
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