Special News : Anita Tiwari , Uttarakhand

Awake Craniotomy देश में बीते कुछ दिनों से हनुमान चालीसा के पाठ पर खूब सियासत हो रही है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों तरफ अपने नफे नुकसान के मुताबिक हनुमान चालीसा पाठ को मुदा बना रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच देश के सबसे प्रतिष्ठित हॉस्पिटल एम्स दिल्ली के ऑपरशन थिएटर में डॉक्टरों ने जब मरीज से हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा तो गजब हो गया।
Awake Craniotomy हैरान कर देगी हनुमान चालीसा पढ़ने की वजह

- पहले आप मीडिया में आ रही रिपोर्ट के मुताबिक जानिए कि हनुमान चालीसा पढ़ी वो क्या कहती हैं ” मैं तो होश में ही ऑपरेशन थियेटर में गई थी और होश में ही बाहर आई। सर्जरी के दौरान होश में ही रही। डॉक्टर ने पूछा तुम्हें क्या याद है? मैंने बताया हनुमान चलीसा। डॉक्टर ने कहा कि सुनाओ, मैंने हनुमान चालीसा सुनाना शुरू कर दिया। वह मुझ से बात करते रहे और सर्जरी पूरी हो गई। सर्जरी के बाद बाहर आते ही मैंने अपने परिवार के सभी लोगों को देखा और उन्हें पहचान लिया। मैं खुद हैरान थी कि होश में ही मेरी सर्जरी हो गई। यह कहना है युक्ति अग्रवाल का, जिनकी हाल ही में होश में रहते हुए सर्जरी की गई थी।

- Awake Craniotomy एम्स के न्यूरोसर्जन डॉक्टर दीपक गुप्ता ने बताया कि इसे अवेक क्रेनियोटोमी (Awake Cranitomy) कहा जाता है। जब किसी को ब्रेन के मोटार एरिया में ट्यूमर होता है, यह एरिया स्पीच को प्रभावित करता है। सर्जरी के दौरान अगर मरीज बातचीत करते रहता है तो पता चलता रहता है कि ट्यूमर निकालने का असर कहीं स्पीच एरिया पर तो नहीं हो रहा है। अगर मरीज बात करना बंद कर देता है तो हम समझ जाते हैं कि कोई दिक्कत हो रही है। सर्जरी उसी समय बंद करके पहले जांच करते हैं और उसके बाद सर्जरी आगे बढ़ाते हैं। इससे सर्जरी की सफलता बेहतर होती है।
Awake Craniotomy मरीज़ ने पढ़ी , डॉक्टरों ने सुनी चालीसा

- Awake Craniotomy एम्स के एक न्यूरो एनेस्थीसिया एक्सपर्ट ने कहा कि ओटी में आने के बाद सबसे पहले मरीज को हल्की नींद की दवा दी जाती है। मरीज को पूरी तरह बेहोश नहीं किया जाता है। इसके बाद सिर की नसों, दोनों तरह 6-6 नर्व होती हैं। कुल 12 जगहों पर स्कल्प ब्लॉक में इंजेक्शन देते हैं। इससे बाहर की स्किन सुन्न हो जाती है। इसके बाद ब्रेन खोलते हैं। डॉक्टर ने कहा कि जब ब्रेन खुल जाता है और हम ट्यूमर के पास पहुंच जाते हैं, तब बेहोशी की दवा बंद कर दी जाती है। तब मरीज में होश में आ जाता है। चूंकि ब्रेन सेंसिटिव नहीं होता है यानी ब्रेन को दर्द नहीं होता है। इसलिए ऑपरेशन के दौरान मरीज को होश में रखते हुए सर्जरी की जाती है।

- Awake Craniotomy डॉ दीपक ने कहा कि मरीज को हाथ-पैर चलाने, बोलने को कहा जाता है, ताकि पता चलता रहे कि मरीज के ब्रेन का कोई हिस्सा सर्जरी की वजह से प्रभावित नहीं हो रहा है, सर्जरी सही हो रही है। इस सर्जरी में गले में ट्यूब नहीं डाली जाती है। आईसीयू में भी होश में रहता है। उन्होंने कहा कि यह सर्जरी मरीज के लिए काफी फायदेमंद हता है। लेकिन सर्जरी से पहले मरीज को पूरी बात बताते हैं। इसका फायदा और पूरा प्रोसीजर बताया जाता है, ताकि उनके मन में किसी प्रकार का संदेह न हो। जो मरीज सर्जरी के लिए हामी भरते हैं उनमें ही यह प्रोसीजर किया जाता है…
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