Special story By : Anita Tiwari , Dehradun
Bhupesh Upadhyay BJP उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ा धमाका किया और आम आदमी पार्टी की कमर तोड़ दी। यूं तो इस पटकथा को लिखने वाले हैं भूपेश उपाध्याय जो खुद को आर एस एस और संघ का बड़ा सिपाही कहते हैं । लेकिन जिस तरह से आप के सीएम उम्मीदवार रहे कर्नल अजय कोठियाल के साथ-सथ हजारों की संख्या में ताबड़तोड़ भाजपा ज्वाइन करा कर दिग्गज पॉलिटकल गेम चेंजर भूपेश उपाध्याय ने कांग्रेस और आप को अपनी ताकत का एहसास कराया है । इसके बाद केजरीवाल को भी बता दिया है कि पहाड़ में पॉलिटिक्स इतनी भी आसान नहीं है जितनी टीम केजरीवाल ने सोच रखी थी।
Bhupesh Upadhyay BJP मैं दिल से स्वयंसेवक हूँ – भूपेश उपाध्याय

विधानसभा चुनाव से पूर्व आप ने कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी का मुख्यमंत्री प्रत्याशी और पूर्व दर्जा राज्य मंत्री भूपेश उपाध्याय को पार्टी का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी की बागडोर दी थी। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कर्नल अजय कोठियाल और भूपेश उपाध्याय को भरोसा दिया था कि 2022 के विधानसभा प्रत्याशी चयन समेत सम्पूर्ण चुनाव अभियान दोनों नेताओं की रायशुमारी से ही सम्पन्न होगा।
बकौल कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय केजरीवाल से प्रदेश में पार्टी के विस्तार व चुनाव अभियान के लिए जो भी बात हुई थीं पार्टी ने किसी भी बात की सुध नहीं ली और दिल्ली से थोपे गए प्रदेश प्रभारी उत्तराखण्ड में अपनी मनमानी से पार्टी को हांकते रहे, योग्य प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से वंचित रखा गया, प्रभारी द्वारा अयोग्य लोगों को टिकट बेचे गए, चुनाव अभियान में पार्टी की ओर से कोई मदद नहीं की गयी, पार्टी के एकमात्र स्टार प्रचारक अरविंद केजरीवाल की चुनाव शुरू होने के बाद एक भी रैली प्रदेश में नहीं हुई, प्रत्याशियों को एकदम अकेला छोड़ दिया गया, और इन कारणों से पार्टी को एक बडा हार का सामना करना पड़ा।

बड़ी हार के बाद भी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने हार की कोई समीक्षा नहीं की, और प्रदेश प्रभारी के कहने पर उत्तराखण्ड के संदर्भ में लगातार मनमाने फैसले लेते रहे, प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने पार्टी की पुरानी कार्यकारिणी भंग करके एक ऐसे गैर राजनैतिक व्यक्ति को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनवा दिया जिसकी राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्र में कोई विशेष अनुभव व पहचान नहीं है, पार्टी के इस तरह के फैसलों से दिल्ली दरवार से कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय की दूरी बढ़ती चली गयी। इसी बीच इस राजनैतिक कहानी में इंट्री होती है भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की।
भूपेश उपाध्याय व कैलाश विजयवर्गीय की नजदीकी जगजाहिर है।

Bhupesh Upadhyay BJP भूपेश उपाध्याय व कर्नल कोठियाल अपने दिल्ली प्रवास के दौरान अचानक भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मिलते हैं और यही से शुरुआत होती है आप के खात्मे की राजनीति की। विजयवर्गीय भूपेश उपाध्याय पर नाराज होते हैं कि तुमने गलती की आप में जाकर, विजयवर्गीय ने भूपेश उपाध्याय को समझाया कि तुमको और राष्ट्रवादी छवि के कर्नल कोठियाल को भाजपा में आना चाहिए, विजयवर्गीय के समझाने के बाद कोठियाल व भूपेश उपाध्याय ने भाजपा जॉइन करने की हामी भरी लेकिन विजयवर्गीय जानते थे कि दोनों की जॉइनिंग के लिए भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के अलावा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी बात करना जरूरी है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 13 मई को अपने उत्तराखण्ड प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय को भाजपा में लाने के विषय में बात की, 13 मई की रात गोपनीय मीटिंग में आगे की रणनीति का खाका बनाया गया व प्रदेश संग़ठन मंत्री की भी सहमति ली गयी।

Bhupesh Upadhyay BJP विजयवर्गीय ने प्रदेश नेतृत्व की सहमति के बाद उत्तराखण्ड से लौटने के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से इस सम्बंध में चर्चा की व भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व की सहमति के बाद कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय ने आम आदमी पार्टी से अपना इस्तीफा दिया। कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय के आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा की सदस्यता लेने से कुमाऊँ व गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी को एक करारा झटका लगा है और पार्टी वेंटिलेटर पर चली गयी है। कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय के साथ लगभग 1 दर्जन विधानसभा प्रत्याशियों समेत आप के सैकड़ों पदाधिकारियों, आप से जुड़े सैकड़ों सैन्य अधिकारियों, सैकड़ों युवा पदाधिकारियों, महिला पदाधिकारियों ने आप छोडकर भाजपा की सदस्यता ली है।

Bhupesh Upadhyay BJP सूत्रों से पता चला है कि आम आदमी पार्टी से बड़ी संख्या में लोग भाजपा की सदस्यता लेने के इछुक हैं लेकिन अभी भाजपा नेतृत्व द्वारा हर व्यक्ति की समीक्षा के बाद ही अन्य लोगों को पार्टी से जोड़ने का निर्णय किया है। कयास लगाये जा रहे थे कि कर्नल कोठियाल व भूपेश उपाध्याय ने अपनी कुछ शर्तों पर भाजपा की सदस्यता ली होगी लेकिन कोठियाल व उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि वह बिना किसी शर्त के, बिना किसी डिमांड के भाजपा से जुड़ रहे हैं, पार्टी के हित में काम करना मकसद है, कोठियाल व उपाध्याय ने भाजपा नेतृत्व का आभार जताया कि पार्टी ने उन को अपने परिवार में स्वीकार किया ।

क्या बोले कोठियाल –
Bhupesh Upadhyay BJP मेरी विचारधारा हमेशा राष्ट्रवादी रही है, मैं पहले भी संघ से जुड़ा रहा हूँ, हमने यूथ फाउंडेशन के माध्यम से हज़ारों युवाओं को रोजगार दिया है, हमने विषम परिस्थितियों में* *केदारनाथ जी के पुनर्निर्माण में भी अपनी ओर से प्रयास किया है।*
*अब भाजपा के बैनर तले प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करके उनको रोजगार देने का प्रयास रहेगा। पार्टी में बिना शर्त आये हैं पार्टी से कुछ लेना नहीं बल्कि पार्टी को अपनी ओर से कुछ करके देने की इच्छा है जिससे पार्टी मजबूत हो।
मैं दिल से स्वयंसेवक – भूपेश उपाध्याय

Bhupesh Upadhyay BJP मैं भाजपा नेतृत्व का आभारी हूँ जो उन्होंने मुझको अपने परिवार में स्वीकार किया, मैं तो मूल रूप से एक स्वयंसेवक हूँ और भाजपा में रहा हूँ लेकिन मैंने बहुत बड़ी गलती की थी भाजपा छोड़कर* *अब भाजपा परिवार में जुड़कर पार्टी की मजबूती के लिए काम करना चाहता हूँ, मुझसे जो गलतियां हुई हैं उनका प्रायश्चिय करना चाहता हूं, मैंने बिना शर्त भाजपा की सदस्यता ली है मैंने पहले कुछ गलत राजनैतिक निर्णय लिए थे लेकिन अब भाजपा की सदस्यता लेना मेरे जीवन का अंतिम राजनैतिक फैसला है, अब जीवनभर पार्टी में रहकर पार्टी की सेवा करना जीवन का अंतिम राजनैतिक उद्देश्य है।

Bhupesh Upadhyay BJP देखना होगा कि पुष्कर सिंह धामी के इस मास्टर शॉट के बाद आम आदमी पार्टी और मस्त परी कांग्रेस किस तरह से उभर पाएगी क्योंकि पहाड़ में यह दो बड़े नेता अब भाजपा के खेमे में जा चुके हैं और जिस तरह से भाजपा पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मजबूत तंग बनती जा रही है उसमें अब भूपेश उपाध्याय की पॉलीटिकल पावर भी 2024 आम चुनाव में बड़ी और अहम भूमिका निभा सकता है।
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