Durga Puja कोलकाता की एक समिति ने इस बार मां दुर्गा की ऐसी प्रतिमा बनायी है जो कई मामलों में रिकॉर्ड बनाने केलिए तैयार है। इस प्रतिमा को बनाने का काम कई महीनों से चल रहा है। यहां बन रही मां दुर्गा की ये प्रतिमा सबसे आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है।
Durga Puja देखिये देश की सवसे अद्भुत दुर्गा प्रतिमा

- Durga Puja इस प्रतिमा की सबसे खास बात यह है कि ये पूरी तरह से अष्टधातू से बनाई जा रही है। इसका वजन 1000 किलोग्राम या एक टन के बराबर होगी। वहीं मूर्ति की ऊंचाई 11 फीट होगी। माना जा रहा है कि मां दुर्गा की यह प्रतिमा अब तक की सबसे भारी और सबसे महंगी मूर्ति होगी जिसकी कीमत 15 लाख मानी जा रही है

- Durga Puja मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ उनके चार बच्चे भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिक की प्रतिमा भी बनाई जा रही है। इन सबको बनाने में 15 लाख रुपये का खर्च होने वाले हैं। अब तक जितने भी पंडालों में प्रतिमा बनी है उनमें सबसे ज्यादा महंगी प्रतिमा यही होगी। प्रतिमा का बेसिक स्ट्रक्चर फाइबर से बनाया गया है और इस पर अष्टधातु के लेप को चढ़ाया गया है।

- Durga Puja मशहूर मूर्तिकार मिंटू पाल की देखरेख में यह पूरा प्रोजेक्ट है जिनके साथ टीम में कई लोग शामिल हैं। इस काम में लगे कलाकार प्रभुल्ल राणा ने बताया कि पहली टीम ने फाइबर स्ट्रक्चर का निर्माण किया है। इसे बनाने में तीन महीने का समय लगा है। जुलाई से इस काम में टीम लगी हुई है। प्रभुल्ल राणा की पत्नी भी इस प्रोजेक्ट में काम कर रही हैं। वे दोनों ईस्ट मिदनापुर जिले के रहने वाले हैं। राणा कहते हैं, पूरा काम करने में साढ़े पांच महीने का समय लगा है। उन्होंने कहा कि मूर्ति को अष्टधातु से बनाया गया है लेकिन मां दुर्गा के हाथों में अस्त्र शस्त्र को शोला से सजाया जाएगा।

- Durga Puja मूर्ति बनाने के लिए अष्टधातु का चुनाव सिर्फ मान्यताओं के आधार पर नहीं किया गया है बल्कि इसके लिए सोच विचार कर काम किया गया है। क्योंकि मूर्ति को पूजा के बाद स्थानीय मंदिर में स्थापित किया जाएगा जहां लोग साल भर भगवान का दर्शन कर सकेंगे। मां दुर्गा यहां स्थायी रूप से विराजमान हो जाएंगी। राणा ने बताया कि जब मां दुर्गा मंदिर में स्थापित हो जाएंगी तो आयोजक यह फैसला करेंगे कि उनके हाथों में स्थायी चीजों यानी मेटल से अस्त्र शस्त्र बना दिए जाए। हालांकि शहर के 23 पाली दुर्गा मंदिर में इसी तरह की प्रतिमा है लेकिन वहां लक्ष्मी गणेश कार्तिकेय और सरस्वती की मूर्तियां नहीं है।
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