Education Policy Rules : वाह ! अब बदल जायेगा पढाई का पूरा सिस्टम ,1 Good News

Education Policy Rules  एनसीएफ के ड्राफ्ट में सबसे बड़ा बदलाव बोर्ड परीक्षाओं को लेकर है। अब तक जो 10वीं और 12वीं क्लास के लास्ट में बोर्ड परीक्षाएं होती हैं, उन्हें साल में दो बार कराने पर विचार किया गया है। यानी प्रोफेशनल कोर्सेस की तरह अब 11वीं और 12वीं में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हो जाएगा। सेमेस्टर के हिसाब से ही पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसके अलावा 12वीं के रिजल्ट में 11वीं क्लास के अंक भी जुड़ेंगे। आसान भाषा में समझने के लिए कह सकते हैं कि अब 10वीं पास करने के बाद बच्चों को हर 6 महीने में 4 बोर्ड परीक्षाओं को पास करना होगा। हालांकि 9वीं और दसवीं में परीक्षाओं का पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा।

Education Policy Rules  साल में दो बार देनी होगी परीक्षा

Education Policy Rules 
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Education Policy Rules  ड्राफ्ट में कहा गया है कि 9वीं और 10वीं सेमेस्टर पैटर्न की बजाय अभी की तरह ईयरली पैटर्न पर ही चलेंगे। इन क्लासेस में भी सेमेस्टर सिस्टम बनाया जा सकता है, लेकिन इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि छात्र अनिवार्य विषयों को पढ़ेंगे। 10वीं क्लास के लास्ट में बच्चों को बोर्ड परीक्षा पास करनी होगी, ये ग्रेड 9 और 10 के दौरान सीखे गए सिलेबस पर आधारित होगी।

Education Policy Rules
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अगर आपका बच्चा 11वीं या 12वीं में है तो…

  • Education Policy Rules  9वीं और 10वीं में छात्रों को भले ही अनिवार्य विषय पढ़ने होंगे, लेकिन इसके बाद की क्लास में अपनी रुचि के हिसाब से विषय चुन सकते हैं। दरअसल 10वीं पास करने के बाद ही छात्र मेडिकल, इंजीनियर, आर्ट, साहित्य जैसे विषयों को चुनने में कंफ्यूज रहते हैं। कई बार भविष्य को लेकर छात्र तनाव में चले जाते हैं। फिलहाल 11वीं और 12वीं के छात्र फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ के बीच ही उलझ कर रह जाते हैं। कई बच्चे साहित्य में बहुत रुचि रखते हैं, लेकिन परिवार वो चाहकर भी इनको पढ़ नहीं पाते। ऐसे में नया ड्राफ्ट काफी कारगर साबित होगा। NCF ने 11वीं और 12वीं के लिए 16 च्वाइंस बेस्ट कोर्सेस का प्रस्ताव रखा है, जिन्हें छात्र अपनी मर्जी से चुन पाएंगे।


अपनी मर्जी से विषय चुनने की आजादी

Education Policy Rules  11वीं कक्षा में बच्चों के पास तीन ऑप्शन होंगे। पहले में ह्यूमैनइटीज, सोशल साइंस, साइंस, मैथमेटिक्स और कंप्यूटिंग विषय होंगे। दूसरे में इंटरडिसिप्लिनरी एरिया ऐसे बच्चों के लिए स्नातक के बाद रिसर्च एरिया में भविष्य बनाना चाहते होंगे। तीसरे वर्ग में ऑटर्स, स्पोर्ट्स और वोकेशनल को चुनने का विकल्प मिलेगा। लेकिन छात्र इनमें से कोई से भी विषय को चुन सकता है। दरअसल इस ड्राफ्ट में 8 तरह के कोर्स के सेट तय किए गए हैं, जिनमें तीन-चार विषय हैं। अब छात्र अलग-अलग सेट के विषय चुन सकता है। 


कैसे होंगी परीक्षाएं ?

Education Policy Rules  एनसीएफ ने 11वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव किया है। दोनों क्लास में 8 विषय तो पढ़ने होंगे लेकिन इनकी परीक्षाएं एक साथ नहीं होगीं। अब साल में दो बार परीक्षाएं होगीं। पहले सेमेस्टर में 4 विषय और दूसरे में बचे हुए 4 विषयों के पेपर देने होंगे।अगर आपका बच्चा प्राइमरी या जूनियर क्लास में पढ़ता है, तो उसके स्कूल पैटर्न में भी बदलाव हो सकता है। नई शिक्षा नीति का फोकस प्राइमरी एजुकेशन पर है। अब तक चली आ रही 10+2 पैटर्न को बदलकर 5+3+3+4 कर दिया गया है। इसके फॉर्मेट में पहली स्टेज प्री प्राइमरी से लेकर क्लास 3 तक है। दूसरे में क्लास तीसरी से 5वीं तक, तीसरे में छठी क्लास से 8वीं तक और चौथे में 9वीं से 12वीं तक शामिल है।

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