GST News भारी पड़ेगी ऑनलाइन फूड मंगाने की आदत

GST News ऑनलाइन फूड डिलीवरी का मजा अब ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ सकता है. भारत की दो सबसे बड़ी फूड डिलीवरी कंपनियां जोमैटो और स्विगी को सरकार की तरफ से जीएसटी (GST) का तगड़ा झटका लगा है. अब दोनों कंपनियों को हर साल करीब 180-200 करोड़ रुपये एक्स्ट्रा टैक्स चुकाना होगा. लेकिन असली परेशानी ग्राहकों और डिलीवरी पार्टनर्स के लिए शुरू होने वाली है, क्योंकि कंपनियों ने साफ संकेत दिया है कि इस बोझ को वे अकेले नहीं झेलेंगी.

जीएसटी काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस को अब डिलीवरी चार्ज पर भी 18% GST चुकाना होगा. अब तक यह टैक्स डिलीवरी पार्टनर्स पर लागू नहीं था. इस फैसले के बाद कंपनियों की लागत अचानक बढ़ गई है. जानकारी के मुताबिक, जोमैटो और स्विगी इस एक्स्ट्रा बोझ को डिलीवरी वर्कर्स और ग्राहकों पर डालने की तैयारी में हैं. इसका सीधा मतलब है कि या तो डिलीवरी बॉय की कमाई घटेगी या फिर ग्राहकों को हर ऑर्डर पर नई ‘सर्विस लेवी’ देनी पड़ सकती है.


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जोमैटो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टैक्स बोझ को पूरी तरह कंपनी नहीं उठाएगी. “यह आंशिक रूप से डिलीवरी वर्कर्स की कमाई से और आंशिक रूप से ग्राहकों से वसूला जाएगा,” अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा. स्विगी ने भी लगभग यही स्ट्रेटेजी अपनाने की बात स्वीकार की है.


एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स दोनों ही सेक्टर में कीमतें बढ़ सकती हैं. जहां पहले ग्राहकों को कम या फ्री डिलीवरी का ऑफर मिलता था, अब उन्हें 18% GST सहित एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है.ब्रोकरेज कंपनियों ने इसे जोमैटो और स्विगी के लिए नेगेटिव संकेत बताया है. हालांकि, उनका कहना है कि यह बोझ कंपनियां ग्राहकों और डिलीवरी वर्कर्स पर डालकर अपने प्रॉफिट पर असर कम कर सकती हैं.