National Animal भारत का राष्ट्रीय पशु बाध यानी टाइगर , ये हमे बचपन से ही स्कूलों में पढ़ाया जाता रहा है. बाघ को 1972 में नेशनल एनिमल का दर्जा दिया गया था. इसका कारण बाघ की सुंदरता, फुर्ती, ताकत और शान है. दिलचस्प बात ये है कि बाघ भारत के अलावा एक और देश का राष्ट्रीय पशु है. आइए जानते हैं अलग-अलग देशो के नेशनल एनिमल के बारे में.
क्यों गाय नहीं है भारत की राष्ट्रीय पशु ? National Animal
दुनिया भर में 195 देश हैं और हर देश की खुद की संस्कृति और परंपरा है. इनको दर्शाने के लिए हर देश खास प्रतीकों का चुनाव करता है, जैसे भारत में मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया है और बाघ को राष्ट्रीय पशु का. ये केवल पशु या पक्षी नहीं बल्कि भारत की पहचान और प्रतीक है, जो संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व करते है. हालांकि जब राष्ट्रीय पशु की बात होती है, तो एक सवाल सबके मन में उठता हैं. वो ये कि जब भारत में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है, उसे पूजा जाता है, उसका धार्मिक महत्व है, तो उसे नेशन एनिमल का दर्जा क्यों नहीं मिला?

इसका जवाब है कि बाघ को उसकी पारिस्थितिक महत्ता के कारण नेशनल पशु के रूप में चुना गया. भारत में उसके घटती संख्या को देखते हुए उसके संरक्षण की जरूरत और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए 1972 में उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था. इसके बाद 1973 में बाघों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर भी शुरू किया गया. आपको बता दें कि साल 1972 के पहले भारत का राष्टीय पशु बाघ नहीं बल्कि शेर हुआ करता था.
ये देश शेयर करता है नेशनल एनिमल

बाघ केवल भारत का ही नेशनल एनिमल नहीं है. भारत की ही तरह बांग्लादेश का भी राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर ही है. ऐसे में भारत और बांग्लादेश दोनों एक ही राष्ट्रीय पशु शेयर करते हैं. हालांकि भारत और बंग्लादेश ही ऐसे देश नहीं है, इनके अलावा भी ऐसे कई दो-देश है, जो एक ही नेशनल एनिमल शेयर करते हैं.ऐसे ही स्नो लेपर्ड अफगानिस्तान को, ताकिन (सांड) भूटान को, बुल स्पेन को रिप्रेजेन्ट करता है. वहीं स्कॉटलैंड ने यूनिकॉर्न, जो एक काल्पनिक पशु है, उसे नेशनल एनिमल चुना है.
गाय किस देश की राष्ट्रीय पशु ?
भारत में गाय को ‘गौ माता’ कहा जाता है, और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व बहुत अधिक है. लेकिन भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था रखने के बावजूद इसे राष्ट्रीय पशु नहीं बनाया गया. हालांकि, पड़ोसी देश नेपाल में गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया है.

