Special Report By : Anita Tiwari , Dehradun
NFHS Report 2022 जनसंख्या बढ़ रही, घट रही है या स्थिर है इसको लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार कम हुई है। (National Family Health Survey) रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार 2.2% से घटकर 2% रह गई है।

NFHS Report 2022 देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार कम हुई
- बच्चे कम पैदा हो रहे हैं (Total Fertility Rate ) और सभी धर्मों में यह पहले की तुलना में कम हुआ है। वहीं बेटियों को लेकर देश में धीरे ही सही लेकिन सोच बदल रही है। देश में दो बेटियों वाली 65 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें बेटे की कोई ख्वाहिश नहीं है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की ताजा रिपोर्ट में यह बात निकलकर आई है।

NFHS Report 2022 किस धर्म में किस रफ्तार से बढ़ रही जनसंख्या
- सभी धार्मिक समूहों में अब पहले की तुलना में कम बच्चे पैदा हो रहे हैं। 2015-16 में किए गए चौथे नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) और पांचवें 2019 – 21, इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि उच्च प्रजनन दर वाले समूहों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। इस प्रकार, मुसलमानों में एनएफएचएस -4 और एनएफएचएस -5 के बीच 2.62 से 2.36 तक 9.9% की सबसे तेज गिरावट देखी गई है। यह अन्य समुदायों की तुलना में अधिक है। 1992-93 में सर्वेक्षणों की शुरुआत के बाद से, भारत में TFR कुल प्रजनन दर 3.4 से 40% से अधिक गिरकर 2.0 हो गया है। साथ ही यह उस लेवल पर पहुंच गया है जो जनसंख्या आंकड़े को स्थिर रखे।

NFHS Report 2022 एक ही समुदाय के लिए TFR राज्यों के हिसाब से अलग
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि मुसलमानों के अलावा अन्य सभी प्रमुख धार्मिक समूहों ने अब प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Rate) से नीचे का टीएफआर हासिल कर लिया है। वहीं सर्वे के प्रत्येक चरण में तेजी से गिरावट के बावजूद मुस्लिमों के बीच यह रेट थोड़ा अधिक है। एनएफएचएस के अब तक के पांच सर्वे में मुस्लिम टीएफआर (Total Fertility Rate) में 46.5 फीसदी की गिरावट आई है, हिंदुओं में 41.2 फीसदी और ईसाइयों और सिखों के लिए लगभग एक तिहाई की गिरावट आई है।

NFHS Report 2022 गर्भनिरोधक को लेकर क्या सोचते हैं पुरुष ?
- NFHS Report 2022 सर्वे में 35% पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोधक अपनाना महिलाओं का काम है। वहीं, 19.6% पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाएं स्वच्छंद हो सकती हैं। सर्वे में देश के 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 707 जिलों से करीब 6.37 लाख सैंपल लिए गए। चंडीगढ़ में सबसे अधिक 69% पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोधक अपनाना महिलाओं का काम है और पुरुषों को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। केरल में सर्वेक्षण में शामिल 44.1 प्रतिशत पुरुषों के अनुसार गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाएं स्वच्छंद हो सकती हैं।

NFHS Report 2022 सामाजिक संगठन हो या एनजीओ हर मंच से देश में बढ़ती आबादी को लगाम लगाने की बात कही जाती रही है और खासकर बात करें मुस्लिम समाज की तो इनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकारें भी काफी कोशिशें कर रही है। ऐसे में इस रिपोर्ट के आने के बाद एक बड़ा तबका ऐसा होगा जो राहत और सुकून महसूस कर रहा होगा , क्योंकि जागरूकता न सिर्फ किसी कौम विशेष में आई है बल्कि बेटियों को लेकर भी आज हमारा देश नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है , जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
पढ़िए दरोगा की इश्कबाज़ी से आफत – https://shininguttarakhandnews.com/bihar-police-sexual-case/
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