देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
जल संरक्षण पर विशेष कार्य की जरूरत Niti Aayog





पीएम कृषि सिंचाई योजना की मांग
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया. पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया.मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाइमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है. राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरुआत की गई है.
एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं. रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है. इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच काउंटर मैग्नेट एरिया विकसित करने होंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का उन्होंने अनुरोध किया.
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