देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
plastic waste क्या आप यकीन करेंगे कि कचरे से करोड़ों की कमाई हो सकती है ? क्या आप मानेंगे कि चार धाम यात्रा के दौरान जिस प्लास्टिक बोतलों को यात्री फेंक रहे हैं उसी से जोशीमठ नगर पालिका मालामाल हो गया ? उत्तराखंड में इन दिनों देश और विदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का रेला लगा है। भीड़ की वजह से स्थानीय लोग ट्रैफिक जाम समेत कई दूसरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। बाहर से आने वाले लोग हमेशा दिक्कत ही नहीं पैदा करते। कुछ फायदा भी करा देते हैं। दरअसल जोशीमठ नगर पालिका ने प्लास्टिक कचरे की रीसाइक्लिंग के जरिये एक करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है। इस कचरे में मुख्य रूप से वे प्लास्टिक की बोतलें शामिल हैं जो पानी या कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद टूरिस्ट फेंक देते हैं।
कचरा रिसाइकिल के लिए 22 मजदूरों की ड्यूटी plastic waste

जोशीमठ नगर पालिका ने 3 टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरे से एक करोड़ से ज्यादा रुपये कमाए हैं। नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने चारधाम यात्रा से 3 टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया है। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और जोशीमठ से पांडुकेश्वर तक की सफाई का जिम्मा जोशीमठ नगर पालिका के पास ही है। फूलों की घाटी यात्रा के मुख्य पड़ाव की सफाई भी यही नगर निगम करवाता है।
इस प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा कर कॉम्पेक्टर मशीन से ब्लॉक बनाकर इसको रिसाइकिल किया जाता है। प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए 22 मजदूरों की ड्यूटी लगाई गई है। जोशीमठ से पांडुकेश्वर तक सफाई व्यवस्था के लिए नगर पालिका की तरफ से कई पर्यावरण मित्र भी तैनात किए गए हैं। गौरतलब है कि इस बार चारधाम यात्रा पर इतने ज्यादा श्रद्धालु आ रहे हैं कि जगह-जगह लंबे जाम की समस्या देखी जा रही है। भीड़ के चलते कुछ दिन पहले चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन भी दो दिन के लिए बंद कर दिया गया था।