Rajasthan High Court शादीशुदा ज़िंदगी में कहा जाता है कि पति पत्नी एक ही गाडी के दो पहिये होते हैं। दोनों के बेहतर तालमेल से घर परिवार में ख़ुशी , सम्पन्नता और मधुरता बनी रहती है। बात जब कामकाजी महिलाओं और उनके उच्च पद पर बैठे पति की हो तो बात और भी ख़ास तालमेल वाली हो जाती है। आपको हम ऐसे ही एक बेहद ख़ास पति पत्नी की अनोखी कामयाबी के बारे में बता रहे हैं , जो अब एक रिकॉर्ड बन गया है । केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने एक ऐसा ट्वीट किया जिसके बाद राजस्थान के हाईकोर्ट के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बन गया। ये रिकॉर्ड है राजस्थान हाईकोर्ट में पति-पत्नी के एक साथ न्यायाधीश बनने का।
Rajasthan High Court शुभा मेहता और कुलदीप माथुर न्यायाधीश नियुक्त

- केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को शुभा मेहता और कुलदीप माथुर को राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया। शुभ मेहता की नियुक्ति के साथ ही राजस्थान हाई कोर्ट में अनोखा रिकॉर्ड बन गया है। दरअसल शुभा मेहता के पति न्यायमूर्ति महेंद्र गोयल भी राजस्थान हाईकोर्ट में ही जज हैं। ऐसे में हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनने वाले पहले पति-पत्नी बन गए हैं।
- Rajasthan High Court गौरतलब है कि शुभा मेहता को न्यायिक कोटे (जिला न्यायाधीश) से न्यायाधीश बनाया गया था, वहीं न्यायमूर्ति महेंद्र गोयल 6 नवंबर, 2019 को वकीलों के कोटे से जज बने हैं। इसके अलावा राजस्थान हाई कोर्ट में नियुक्त कुलदीप माथुर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ में प्रैक्टिस करने वाले वरिष्ठ वकील थे, जिन्हें पदोन्नत किया गया है। कुलदीप माथुर को वकीलों के कोटे से जज बने हैं।
- राजस्थान उच्च न्यायालय के इतिहास में यह पहली बार है कि एक पति और पत्नी को एक साथ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। महेंद्र मेहता को 21 जनवरी 1992 को बेंच में नियुक्त किया गया था। राजस्थान उच्च न्यायालय में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सहित 25 न्यायाधीश हैं। यहां न्यायाधीशों की संख्या अब 27 हो गई है। कुल अधिकृत शक्ति 50 है। दो नए न्यायाधीशों के आने के बाद भी 23 पद खाली रहेंगे
Rajasthan High Court - Rajasthan High Court केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने जारी अधिसूचना में कहा है कि भारत के राष्ट्रपति कुलदीप माथुर और शुभा मेहता को वरिष्ठता के क्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए खुश है। ये दोनों ही नव नियुक्त जज जल्द ही अपने अपने कार्यालयों में पदभार ग्रहण करेंगे। इन नियुक्तियों के साथ ही उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 50 के स्वीकृत पदों के मुकाबले बढ़कर 27 हो गई है।
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