temple winter season उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में लगातार घट रहे तापमान से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। सर्दी का सितम बढ़ने के चलते जहां सुबह-शाम लोग घर से कम बाहर निकल रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ईश्वर को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए भक्तों और मंदिर कमेटियों द्वारा कई तरह की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। कुछ स्थान पर मंदिरों में ईश्वर की प्रतिमाओं को गर्म कपड़े पहनाए गए हैं, तो कुछ स्थान मंदिरों में हीटर की प्रबंध की गई है।
मौसम के हिसाब से पहनाए गए वस्त्र temple winter season

उधम सिंह नगर जिले में अनेक मंदिरों में ईश्वर को सर्दी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उधम सिंह नगर जिले के किच्छा क्षेत्र में स्थित सनातन धर्म मंदिर कमेटी द्वारा लड्डू गोपाल, ईश्वर शिव पार्वती, लक्ष्मी नारायण, सीताराम, मां संतोषी, मां पूर्णागिरी देवी, मां सरस्वती, ईश्वर गणेश, श्री राधे कृष्णा, माता दुर्गा, हनुमान जी सहित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। इसके साथ ही रात के लिए रजाई और कंबल की प्रबंध भी की गई है।

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित ने कहा कि हमेशा ही ईश्वर को मौसम के हिसाब से वस्त्र पहनाए जाते हैं। इस वर्ष जैसे ही ठंड की आरंभ हुई, तभी से ईश्वर को गर्म वस्त्र में शॉल, दस्ताने, मोजे, टोपी आदि पहना दी गई और गर्म कंबल रजाई आदि का बिस्तर ईश्वर के लिए लगाया जा रहा है। जब ठंड अधिक बढ़ जाती है, तो ईश्वर के लिए हीटर आदि की प्रबंध भी की जाती है।

भगवान का लगाए जाएंगे ये भोग
मंदिर के बड़े पंडित ने बताया कि ठंड के समय में ईश्वर को गाजर का हलवा, बादाम का हलवा, तिल के लड्डू, बादाम के लड्डू, बाजरे के लड्डू, गजक, रेवाड़ी और मौसमी फल को ईश्वर को अर्पित किया जाता है। यह सभी व्यवस्थाएं मंदिर कमेटी और श्रद्धालुओं की तरफ से की जाती हैं। वहीं इसी तरह से मौसम में बदलाव के साथ-साथ ईश्वर के वस्त्रों को बदला जाता है और गर्म चीजों से बने प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
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