देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Uttarakhand Congress एक तरफ जहाँ देश भर में इंडिया गठबंधन को झटके लग रहे हैं वहीँ सबसे बड़े भागीदार कांग्रेस को भी अन्य पार्टिया आँखे दिखा रही है। एक तरफ तो राहुल गाँधी भारत जोड़ी न्याय यात्रा में पसीना बहा रहे हैं वहीँ खुद कांग्रेस में टूट और बिखराव होता नज़र आ रहा है। पीएम मोदी को भगवान सरीखा बताकर आचार्य प्रमोदकृष्णम ने जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मंशा साफ़ कर दी है वहीँ अब खबर आ रही है कि देवभूमि में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है।
खुद कांग्रेसी दे रहे कांग्रेस छोड़ने का इशारा Uttarakhand Congress


देहरादून के कांग्रेस मुख्यालय में छोटे से बड़े कोंग्रेसी नेता रोजाना चुनावी जीत और संगठन की मजबूती से ज्यादा एक दूसरे को कमतर करने , कमियां गिनाने और खुद को दूसरे से ज्यादा बेहतर साबित करने में वक़्त बर्बाद करते हैं। यही वजह है कि बड़े नेताओं और अनुभवी संगठन संचालकों की टीम मौजूद होने के बावजूद आज कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जिताऊ उम्मीदवार खोजने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
देहरादून में बीते लम्बे समय से कई नेता एक दूसरे पर दग़ाबाज़ी , गुटबाज़ी , और सेटिंग गेटिंग का आरोप लगाते नज़र आ रहे हैं। नगर निगम चुनाव , विधान सभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस इसी अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा भुगतती नज़र आ रही है।

अब बताया जा रहा है कि बड़े और पुराने कोंग्रेसी नेताओं की एक जमात भाजपा के सम्पर्क में है जो जल्द ही हाँथ का साथ छोड़ कर कमल थाम लेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि आगामी नगर निगम चुनाव में कई कोंग्रेसी पार्षद , संगठन के पूर्व और मौजूदा पदाधिकारी और मेयर पद के दावेदार रहे धरनों और पुतला दहन में आगे आगे नज़र आने वाले एक नेताजी भी भाजपा ज्वाइन करने का मूड बना चुके हैं।
तो अगर आने वाले दिनों में कांग्रेस से एक बड़ा गुट अपने भविष्य को सँवारने का सपना लिए भाजपा मुख्यालय में दिखाई दे जाए तो हैरान मत होइएगा क्योंकि इसके पहले भी खांटी कोंग्रेसी रहे जोत सिंह बिष्ट , कमलेश रमन , और अनेक पुराने नेता आप के रास्ते होते हुए अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
