Uttarakhand महिला ड्राइवर नहीं अब कहिये सारथी!

Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। जिसमें रेशमा शाह, भारती, पार्षद अंजना रावत, बीना, रेखा पांडे, ममता, सरिता पंवार सहित अन्य कई महिलाएं शामिल रहीं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान महिला सारथी (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला ड्राइवरो को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति, खेल, विज्ञान, सेना, कृषि उद्योग जैसे हर क्षेत्र में महिलाएँ आगे बढ़ कर देश का नेतृत्व कर रही हैं। उत्तराखंड राज्य की महिलाओं में विशेष प्रकार का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता है, महिलाओं में कौशल और परिश्रम में कोई कमी नहीं है। राज्य की महिलाएं स्वयं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार और समाज को भी सशक्त बना रही हैं। उन्होंने कहा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सबसे बड़ा योगदान महिलाओं का होगा। राज्य सरकार, प्रदेश की मातृ शक्ति के सशक्तिकरण हेतु भविष्य में भी पूरी दृढ़ता के साथ कार्य करते रहेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार(Uttarakhand ने महिलाओं के हितों को आगे रखते हुए देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू उत्तराखंड में किया है। जिसमें महिला सुरक्षा के विशेष प्रावधान किए गए हैं। यह आधी आबादी का पूरा कानून है। उन्होंने कहा लिव इन रिलेशनशिप हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवाओं की जानकारी उनके माता पिता और प्रशासन के पास होनी आवश्यक है। जिससे किसी भी तरह की घटना से भी बचा जा सकता है।

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मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में मातृशक्ति के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 11 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन बैंक खाते खोले गए, 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाकर माताओं बहनों के मान-सम्मान की रक्षा सुनिश्चित किया गया है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का कार्य किया जा रहा है। 30 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन देकर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। देश की संसद में लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण देने का ऐतिहासिक कानून पास किया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार(Uttarakhand) पढ़ाई, सरकारी नौकरी, उद्यम, खेल हर क्षेत्र में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी आगे बढ़ा रही है। राज्य में सशक्त नारी सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करते हुए नंदा गौरा योजना के अंतर्गत बालिकाओं के जन्म लेने पर 11 हजार रूपए तथा 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। सशक्त बहना उत्सव योजना, मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना, जैसी कई योजनाएं संचालित है। महिलाओं की सुरक्षा, सहायता, एवं संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181 और महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने एवं महिलाओं हेतु महिला छात्रावास भी संचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में राज्य की बेटियों को 30 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देने का भी कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री(Uttarakhand) ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के मुहैया करवाया जा रहा है। लखपति दीदी योजना के अंतर्गत प्रदेश की 1 लाख से अधिक बहनों ने लखपति दीदी बनने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से आज देश-विदेश तक पहुंचाया जा रहा है। हमारी बहनों द्वारा बनाए गए उत्पाद आज मल्टी नेशनल कंपनियों को भी टक्कर दे रहीं हैं।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाए ने अपने बारे में आंकलन करना होगा है। अपनी क्षमताओं को आगे लाना होगा। पहले से समय काफी बदलवा आया है। महिलाएं अब आगे बढ़ गई हैं। महिलाओं को समाज में बराबरी का ओहदा प्राप्त है। उन्होंने कहा महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनकर स्वयं के साथ समाज को आगे बढ़ाना है। चुनौतियों से निपटने में भी स्वयं से निर्णय करना है। उन्होंने कहा समाज में महिलाएं आगे बढ़ रही है, जिससे आगे परिणाम और अच्छे होंगे। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मातृशक्ति के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्य, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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