देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट —
Visit to Badrinath प्राचीन काल से बद्रीनाथ की यात्रा हिन्दू धर्म में एक पवित्र यात्रा मानी जाती है। आज भी बद्रीनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए हर साल लाखों भक्त पहुंचते हैं। सैलानी जब बद्रीनाथ मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं तो सिर्फ मंदिर दर्शन करके ही वापस आ जाते हैं, लेकिन मंदिर के आसपास ऐसी कई अद्भुत जगहें मौजूद हैं जहां एक बार घूमने के बाद पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाता है।
Visit to Badrinath मिलेगा अध्यात्म भी अलौकिक प्राकृतिक सौंदर्य भी

Visit to Badrinath बद्रीनाथ मंदिर के आसपास घूमने की बात होती है तो सबसे पहले नीलकंठ ही बात जरूर होती है। माना जाता है कि नीलकंठ चोटी का जिक्र हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। नीलकंठ चोटी एक नहीं, बल्कि कई अद्भुत दृश्यों को प्रस्तुत करती है। चोटी से हिमालय के अद्भुत दृश्यों को देखने के बाद किसी भी सैलानी का मन ख़ुशी से झूम उठेगा। यह चोटी अद्भुत ट्रैक के लिए भी काफी फेमस है। इसलिए मंदिर से नीलकंठ चोटी पहुंचने का सफर काफी रोमांचक भी माना जाता है।
Visit to Badrinath समुद्र तल से लगभग 12 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद वसुधारा फॉल्स भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। वसुधारा फॉल्स बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 9 किमी दूर माणा गांव में स्थित है। यह रमणीय झरना हिमालय के शांत वातावरण में स्थित है। इस स्थल का भी पौराणिक कथा है। मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों का यह विश्राम स्थल हुआ करता था। आपको बता दें कि वसुधारा फॉल्स पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आपको यह भी बता दें कि माणा गांव में सरस्वती नदी बहती है। नदी के किनारे सुकून का पल बिता सकते हैं।
Visit to Badrinath बद्रीनाथ के आसपास में मौजूद व्यास गुफा भी एक बेहद ही खास और लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। इस गुफा की भी एक पौराणिक कथा है। किंदवंती के अनुसार ऋषि व्यास ने भगवान गणेश की मदद से यहां महाकाव्य महाभारत की रचना की थी। व्यास गुफा घूमने के बाद यक़ीनन भारत में मौजूद अन्य गुफ़ा को भूल जाएंगे। बद्रीनाथ मंदिर से यह कुछ ही दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ट्रैकिंग के दौरान एक से एक अद्भुत और मनमोहक दृश्यों से रूबरू हो सकते हैं।
बद्रीनाथ बस स्टैंड से लगभग 2 किसी की दूरी पर मौजूद ब्रह्म कपाल अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक बेहद ही पवित्र घाट है। अलकनंदा नदी तट के किनारे स्थित होने चलते यह सैलानियों के बीच भी काफी फेमस है। ब्रह्म कपाल एक ऐसा स्थान है जहां अपने पूर्वजों की आत्मा यानी पिंड दान के लिए पहुंचते हैं। ब्रह्म कपाल में एक सपाट पत्थर है जहां पिंडदान के लिए पूजा-पाठ होती है। आपको बता दें कि यह बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर मौजूद है। ऐसे में मंदिर दर्शन करने के बाद यहां घूमने के लिए जा सकते हैं।
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