Special Report – Anita Tiwari , Dehradun
World Record 22 पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के निर्देशों पर अमल हुआ तो अगले साल से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सिर्फ एक बार ही अवसर मिलेगा। वे साल में एक से अधिक बार चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे। महाराज ने अधिकारियों को यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था में बदलाव करने और इसे आधार संख्या से जोड़ने के भी निर्देश दिए।
World Record 22 इतिहास में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड

- World Record 22 महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बना है। इसके आधार पर सरकार चारधाम यात्रा को लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए प्रयास करेगी। शुक्रवार को पर्यटन मंत्री ने गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में पर्यटन विकास योजनाओं और शीतकालीन यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की।

World Record 22 महाराज ने कहा कि सर्दियों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2014 में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई थी। प्रदेश में साल भर पर्यटन की गतिविधियां चलती रहे, इसके लिए सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ जी का जोशीमठ व पांडुकेश्वर में प्रवास होता है। जो श्रद्धालु चारधामों में नहीं जा पाते हैं, वे शीतकालीन प्रवासों में पूजा अर्चना व दर्शन करने आते हैं।
World Record 22 कपाट बंद होने तक संख्या 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद
World Record 22 शीतकालीन प्रवासों में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में अब तक 42 लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। जो यात्रा के इतिहास में रिकॉर्ड है। इसके आधार पर चारधाम यात्रा को लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। चारधामों के कपाट बंद होने तक यह संख्या 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। बाबा अमरनाथ की तर्ज पर चमोली जिले के नीती घाटी स्थित टिंबरसैंण महादेव की यात्रा को बढ़ावा दिया जाए
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