
Dhami on Love Jihad इन दिनों देशभर में एक नाम बहुत तेज़ी से सबकी ज़ुबान पर चढ़ गया है। ये नाम कोई और नहीं बल्कि ‘लव जिहाद’ है। ‘लव जिहाद’ को लेकर न जाने कैसी कैसी घटनाएं अंजाम दी जा रही है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड के CM Pushkar Singh Dhami ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को राज्यभर में विशेष सत्यापन अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
Dhami on Love Jihad कौन है इस ज़हरीली साजिश के पीछे ?

- Dhami on Love Jihad Uttarakhand उत्तरकाशी में तथाकथित लव जिहाद की घटना के बाद उत्तरकाशी प्रशासन 15 जून को होने वाली महापंचायत को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। प्रधान संगठन और स्थानीय लोग महापंचायत करने पर अड़े हुए हैं तो वहीं एसपी अर्पण यदुवंशी और डीएम अभिषेक रुहेला ने महापंचायत को लेकर पुरोला में स्थानीय लोगों और प्रधान संगठन से वार्ता की और उन्हें महापंचायत न करने की अपील की, इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की है। दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय ने 18 जून को देहरादून में महापंचायत का ऐलान किया है, जिससे आने वाले दिनों में उत्तरकाशी और देहरादून सहित पूरे प्रदेश की शांति पर बुरे साये का खतरा मंडरा रहा है।
- Dhami on Love Jihad CM Dhami ने कहा कि ये घटनाएं दो-तीन माह के भीतर ज़्यादा उजागार हुई हैं, उसके पीछे सरकार के द्वारा लाए गए धर्मांतरण कानून है। इस कानून के बाद लोगों में तेज़ी से जागरूकता आई है, आंकड़े भी यह बता रहे हैं। जो लोग इस तरह की साजिश का शिकार हुए हैं, खुद उन लोगों ने भी अब अपना प्रतिकार करना शुरू किया है। आगे इस प्रकार की घटनाएं न हो इसके लिए प्रशासन व पुलिस संयुक्त रूप से सत्यापन अभियान चलाएगी। आखिर ये कौन लोग हैं? कहां से आए हैं, और इनका क्या इतिहास रहा है, यह सब सत्यापन के बाद पता चल सके। इसी के आधार पर तय होगा कि अब ऐसे लोग Uttarakhand में रह पाएंगे या नहीं।
- Dhami on Love Jihad CM Dhami ने कहा उत्तराखंड में सभी लोग भाईचारे से रहते हैं। एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप से रहते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इस प्रकार की गतिविधियां करें। इसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि लव जिहाद को लेकर शांतप्रिय पर्वतीय क्षेत्रों में अब तक तीन घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। इसके विरोध में उत्तरकाशी और चमोली जिले में व्यापारियों के साथ ही लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा। पहले मामला 26 मई को पुरोला में सामने आया, जहां नाबालिग युवती को भगा लिया गया। इसके बाद छह जून को गौचर (चमोली) और फिर आठ जून को आराकोट (मोरी) में इस तरह की आपराधिक घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। अमन की उम्मीद और भाईचारे की दुआएं दोनों समुदायों के लोगों की तरफ से की जा रही है।