Facial Recognition Systems हमारे देश में एक ऐसी तकनीक है, जिसका इस्तेमाल अब देश में किये जाने की खबर है जिसके बाद क्रिमिनल्स के होश उड़ जायेंगे। इस टेक्निक से मणिपुर जैसी घटनाओं में शामिल बदमाशों की पहचान आसानी से की जा सकती है. चेहरा पहचानने की यह तकनीक ओडिशा में मौजूद है, जिसे हम चेहरा पहचानने की तकनीक के नाम से जानते हैं। जानिए यह तकनीक आरोपियों को पकड़ने में कैसे मददगार साबित हो सकती है।
Facial Recognition Systems तकनीक कैसे काम करती है ?

Facial Recognition Systems दरअसल actually चेहरे की पहचान बायोमेट्रिक तकनीक का एक हिस्सा है जो किसी व्यक्ति की पहचान उसके चेहरे से करती है, यह तकनीक किसी व्यक्ति की नाक, आंखों की रेटिना और चेहरे को स्कैन करके उसकी पहचान करती है।इस तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले चेहरे का डेटा इसके डेटाबेस में फीड किया जाता है .. अगर if कोई व्यक्ति जिसका डेटा फीड किया गया है वह कैमरे के सामने आता है तो फेशियल रिकग्निशन तकनीक से फीड किए गए डेटा की मदद से उस व्यक्ति की पहचान की जाती है।
चेहरे की पहचान की मदद से पकड़े गए अपराधी

Facial Recognition Systems अपराधियों को पकड़ने के लिए बुलेट कैमरा को सबसे हाईटेक कैमरा माना जाता है, हालांकि although पुलिस का मानना है कि यह तकनीक अपराधियों का पता लगाने और अपराध रोकने में मददगार हो सकती है. जैसे ही कोई अपराधी इस कैमरे के सामने से गुजरता है तो उस अपराधी का चेहरा कैमरे में कैद हो जाता है और फिर सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधी की पहचान और लोकेशन का पता चल जाता है, जिससे पुलिस को अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है..
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