Hunted Swala Village : यहाँ है 8 जवानों की आत्माएं का कब्ज़ा , Negative Energy

Hunted Swala Village इंसानों की बस्ती के बारें में आप ने सुना होगा। अब आप सोच रहें हैं की हम यह अटपटा सवाल क्यों कर रहे हैं। तो आप को हैरान होने की जरूरत नही है। आप को हम बतातें है की भारत में एक ऐसा गांव जहां पर इंसान नही रहतें हैं। कभी इंसानों से और हलचल से भरा यह गावं आज कोसो दूर तक विराना यहां पसरा रहता है। क्योंकिं इस गांव में इंसान नही बल्की भूत रहतें हैं। इसे भूतो का गांव भी कहा जाता है, आखिर ऐसा क्या हुआ इस गांव में जो यह बन गया भूतो का अड्डा… 

Hunted Swala Village  गांव में इंसान नही बल्की भूत रहतें हैं

Hunted Swala Village
Hunted Swala Village
  • Hunted Swala Village देव भूमि उत्तराखंड इससे देखने और यहां घुमने हर साल लाखो देशी और विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। क्योंकि यहां की पहाड़ी और प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती हैं। लेकिन आगर आप उत्तराखंड में चंपावत जिले का स्वाला गांव हैं। इस गांव को भुतहा गांव के नाम से जाना जाता है। इस गांव के भुतहा बनने के पीछे एक अनोखी कहानी है। कहतें हैं की इस गांव के पास एक बार 1952 में पीएसी की एक बटालियन जा रही थी और उसमें 8 जवान बैठे थे।
Hunted Swala Village
Hunted Swala Village
  • Hunted Swala Village लेकिन इस गांव के पास गाड़ी खाई में गिर गई और गाड़ी के अंदर फंसे जवान अपने बचाव के लिए गांव के लोगो के पुकारते रहें लेकिन गांव के लोग उनके सामान लूटते रहें। जिसके बाद आठो जवानों की तड़प तड़प के मौत हो गई। लेकिन उसके बाद जवानों की रूह ने इस गांव में वो कोहराम मचाया की इस गांव को छोड़ लोगों को भागना पड़ा। आज भी इस इस गांव में इनकी आत्माएं घुमती रहती हैं। इस लिए इस गांव में कोई रहता नही हैं। गाँव वालो को लगता था जैसे कोई और भी उनके साथ चल रहा है। इन सब घटनाओं से तंग होकर एक दिन गांव वाले गांव छोड़ कर भाग गए। धीरे धीरे इस गांव के भुतहा होने की खबर आस पास भी फैलने लगी लगी। जिसके बाद किसी ने भी इस गांव में जाने की भी कोशिश नहीं की।
Hunted Swala Village
Hunted Swala Village
  • Hunted Swala Village मगर कुछ समय बाद गांववालों ने जिस खाई में जवानों की गाड़ी गिरी थी, उस जगह पर जवानों की आत्मा की शांति के लिये नवदुर्गा का मंदिर बनवाया। मगर फिर भी इस जगह पर रहना तो दूर जाना तक लोग पसंद नहीं करते हैं। कभी एक समय था जब यहां लोग बसा करते थे लेकिन 1952 में हुए एक हादसे के बाद सब कुछ बदल गया। तब से लेकर अभी तक इतने सालों से ये गांव वीरान पड़ा है और ना जाने कब तक ये गांव ऐसे ही वीरान रहेगा।

तुम बहुत मोटी हो गयी हो , सॉरी https://shininguttarakhandnews.com/divorce-for-unfit-figure-wife/

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