Ideal Women Uttarakhand : संघर्ष से कुंदन बनी लक्ष्मी अग्रवाल के जननेता बनने की कहानी 1 Truth

Ideal Women Uttarakhand देश में जब भी नारी शक्ति और नारी के नेतृत्व की बात होती है तो पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है क्योंकि राज्य निर्माण के आंदोलन से लेकर मौजूदा सियासी दौर में महिलाओं की भूमिका पुरुषों के मुकाबले किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है।

 

Ideal Women Uttarakhand  संपादक अनीता तिवारी से ख़ास बात

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Ideal Women Uttarakhand  देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बात करें तो उसने प्रदेश के विकास में अपनी बहुमूल्य भूमिका निभाई है आज एक बार फिर उसी कांग्रेस ने महिला नेतृत्व को सशक्त और प्रभावशाली बनाते हुए सेवा समर्पण और सहयोग की पहचान बन चुकी उत्तराखंड की वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिक शख्सियत लक्ष्मी अग्रवाल को उनके संघर्ष और पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। आपको बता दें कि ये वही लक्ष्मी अग्रवाल हैं जिन्होंने कोरोना काल के संकट में एक रहनुमा और मददगार बनकर बेहिसाब मदद लुटाई है साथ ही साथ उन्होंने गरीबों और आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भी बेहिसाब काम किए हैं। 

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Ideal Women Uttarakhand यूं तो देहरादून के सहसपुर विधानसभा में लक्ष्मी अग्रवाल को एक मसीहा के रूप में स्थानीय लोग सम्मान देते हैं। लेकिन जब हमने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि एक पार्टी की बड़ी नेता होने के साथ-साथ लक्ष्मी अग्रवाल का पूरा परिवार ज़मीन पर बेहद संवेदनशील और लोगों के लिए किसी उम्मीद से कम नहीं है। क्योंकि जिस तरह से उनके घर पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग मदद के लिए पहुंचते हैं और उन्हें कांग्रेस की इस वरिष्ठ नेता के द्वारा मदद और सहयोग दिया जाता है वह उनके किरदार को आज के दौर में बेहद अलग और खास बनाता है। यही वजह है कि एक राजनीतिक शख्सियत होने के साथ-साथ उत्तराखंड की सशक्त नारियों में जब बात होती है तो मौजूदा दौर में कांग्रेसी लीडर लक्ष्मी अग्रवाल का नाम सम्मान से लिया जाता है

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Ideal Women Uttarakhand अब अगर बात उत्तराखंड कांग्रेस की की जाए तो उन्होंने हर वर्ग के युवा और महिलाओं को पार्टी से जोड़कर क्षेत्र विशेष ही नहीं बल्कि आसपास के कई विधानसभाओं में अपनी पहचान और प्रभाव से नेतृत्व को एक मजबूत आधार दिया है। बात विधानसभा चुनाव की हो या किसी अन्य चुनाव की सहसपुर विधानसभा में समय के साथ साथ लक्ष्मी अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ जिस तरह से उत्तराखंड कांग्रेस को एक मजबूत धरातल बनाने में अहम भूमिका निभाई उसकी खबर जब आलाकमान को लगी तो उन्होंने भी लक्ष्मी अग्रवाल को सम्मान देते हुए अब बड़ी जिम्मेदारी दी है। पछवा दून का जिलाध्यक्ष बनाकर उन्हें पार्टी को एकजुट और सशक्त बनाने का जिम्मा सौंपा है जिसके बाद से न सिर्फ स्थानीय जनता और उनके समर्थकों में उत्साह है बल्कि पूरी उत्तराखंड कांग्रेस की महिला विंग में उनकी अहमियत और प्रभाव को सम्मान मिला है। 

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Ideal Women Uttarakhand क्या आपको यह भी बता दें कि देहरादून के बड़े उद्योगपतियों में शामिल पीके अग्रवाल की पत्नी लक्ष्मी अग्रवाल न सिर्फ एक समर्पित राजनीतिक शख्सियत है बल्कि एक बेहतरीन टीम लीडर भी है जिसकी बानगी दिखती है उनके साथ चल रही टीम को देखकर ,  जो उनके लिए 24 घंटे समर्पित नजर आती है। चाहे केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के द्वारा बुलाए जाने वाले आंदोलन , धरना प्रदर्शन और जनहित के मुद्दों पर जनता के बीच जाने की बात हो , अपनी मजबूत और समर्पित टीम के साथ कांग्रेस नेत्री लक्ष्मी अग्रवाल ने हमेशा बढ़-चढ़कर न सिर्फ हिस्सा लिया बल्कि पार्टी की मजबूती में अहम किरदार निभाया।  जिसका नतीजा है कि अब केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पार्टी की मजबूती और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाते हुए उन्हें इस पद से नवाजा है..

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Ideal Women Uttarakhand शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ की संपादक अनीता तिवारी से बात करते हुए पछवादून जिलाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल बड़े जोश और आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि पार्टी की मजबूती और सत्ता में वापसी की राह आसान करनी ही उनका लक्ष्य है जिसके लिए उन्होंने अपना हर पल , हर दिन समर्पित किया है। उनके इस अभियान को मजबूती देने के लिए आज जो टीम उन्हें हौसला दे रही है उसे उन्होंने अपनी सबसे बड़ी पूँजी बताइ है।  लक्ष्मी अग्रवाल कहती है कि सहसपुर की जनता का भरोसा और उनका आत्मविश्वास ही है तो उन्हें इस जिम्मेदारी को निभाने की ताकत देता है। प्रियंका गांधी हो या राहुल गांधी ,  हरीश रावत हो या प्रीतम सिंह मौजूदा अध्यक्ष करन  माहरा हो या नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य , सभी वरिष्ठ नेताओं का उन्हें हमेशा मार्गदर्शन और सुझाव मिलता रहता है जो उनकी इस राजनीतिक जीवन को पार्टी के लिए समर्पित करने में ऊर्जा का काम करता है और आने वाले समय में पार्टी की मजबूती और संगठन की एकता को अपनी प्राथमिकता बनाएंगी जिससे नगर निगम का चुनाव हो या आम चुनाव उसमें कांग्रेस का झंडा और वोट दोनों मजबूत हो सके


Ideal Women Uttarakhand उम्मीद की जानी चाहिए कि अपनी साफ-सुथरी और जनसेवक की छवि को लक्ष्मी अग्रवाल बरकरार रखते हुए संघर्ष के दौर से गुजर रही उत्तराखंड कांग्रेस को न सिर्फ पुनर्जीवित कर सत्ता में वापसी करेंगी , बल्कि अपनी कामयाबी के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए पद और जिम्मेदारियों के ऊंचे पायदान को छुएंगी क्योंकि आज राजनीति में जिस तरह से अवसरवादी और स्वार्थी लोगों का दबदबा है उस बीच समर्पित समाजसेवियों का इस तरह से बड़े पद पर आना सुखद संदेश और राहत की खबर जरूर है जिसका असर आने वाले दिनों में न सिर्फ सहसपुर विधानसभा में बल्कि देहरादून में पार्टी मुख्यालय के माहौल में भी नजर आएगा 

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