Mrityu Panchak ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक 5 दिनों की एक ऐसी अवधि होती है, जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों से होकर गुजरता है. ऐसा माना जाता है कि इन नक्षत्रों में तीव्र और अस्थिर ऊर्जाएं होती हैं, जिन्हें अशुभ माना जाता है. पंचक के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस दौरान कुछ विशेष कार्य वर्जित होते हैं. हर महीने 5 दिनों के लिए पंचक रहते हैं. सप्ताह के अलग-अलग दिन से शुरू होने वाले पंचक का नाम भी अलग होता है. चलिए आपको बताते हैं सितंबर में पंचक कब से शुरू हो रहे हैं और इस दौरान कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए.
2025 में सितंबर में पंचक कब है? Mrityu Panchak

पंचांग के मुताबिक, सितंबर 2025 में पंचक की शुरुआत 6 सितंबर, शनिवार से होगी, जिसका समापन 10 सितंबर, बुधवार को होगा. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने, नए कार्यों को शुरू करने, घर की छत डलवाने या लकड़ी से संबंधित कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि इन दिनों को अशुभ माना जाता है.
मृत्यु पंचक क्या है?
सितंबर में पंचक की शुरुआत शनिवार के दिन से हो रही है, इसलिए इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा. शनिवार से शुरू होने वाले पंचक के दौरान अशुभ फलों का प्रभाव पांच गुना बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट हो सकता है. मृत्यु पंचक को सबसे अशुभ और कष्टकारी माना जाता है.

मृत्यु पंचक में क्या नहीं करना चाहिए?
जोखिम भरे कार्य:- मृत्यु पंचक में शारीरिक और मानसिक पीड़ा से बचने के लिए जोखिम भरे कार्य करने से बचना चाहिए.
नई शुरुआत:- मृत्यु पंचक के दौरान कोई भी नया काम या बड़ा निवेश शुरू करने से बचना चाहिए.
यात्रा:- मृत्यु पंचक के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है.
मृत्यु पंचक में क्या उपाय करें?
भगवान शिव की पूजा:- शिवलिंग पर जल अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
हनुमान जी की आराधना:- मृत्यु पंचक में हनुमान चालीसा का पाठ करें और मंदिर में दीपक जलाना चाहिए.
छाया दान:- मृत्यु पंचक के दौरान शनिवार को छाया दान करनी चाहिए.
भैरव उपासना:- मृत्यु पंचक के दौरान भैरव बाबा की उपासना करना भी शुभ माना जाता है.
शनि देव की प्रसन्नता:- मृत्यु पंचक के दौरान काले वस्त्र, काले तिल, काली उड़द आदि का दान करना चाहिए.
पीपल के नीचे दीपक:- मृत्यु पंचक में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है.

