Postpartum Depression Symptoms जनवरी 2022 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की 30 साल की नातिन डॉ. सौंदर्या नीरज बेंगलुरु में अपने फ्लैट में फांसी से लटकी मिलीं। उनका 9 महीने का बेटा दूसरे कमरे में सो रहा था। पुलिस ने पड़ताल के बाद आशंका जताई कि सौंदर्या ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या की है।
Postpartum Depression Symptoms डिप्रेशन की वजह बनते हैं
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- Postpartum Depression Symptoms ‘पोस्टपार्टम डिप्रेशन’ शब्द सुनने में भले ही नया लगे लेकिन शिशु के जन्म के बाद महिला के मन का अवसाद उसके या उसके बच्चे की जान का दुश्मन बन जाता है। यह बच्चे के जन्म के 2 हफ्ते बाद शुरू हो सकता है जो महिला की मां बनने की खुशी को पूरी तरह छीन लेता है। शिशु को जन्म देने के बाद महिला बहुत थकान महसूस करती है। वह डिलीवरी के जिस दर्द और मेंटल प्रेशर से गुजरती है, उसके बाद वह खुद को भी नहीं पहचानती। मां बनने के बाद स्त्री की यही स्थिति परिवार वालों के साथ-साथ उसके लिए भी सबसे बड़ी समस्या होती है।
Postpartum Depression Symptoms - Postpartum Depression Symptoms ऊपर से पति और परिवार चाहता है कि मां नवजात शिशु को भी संभाले। लेकिन इस समय वह खुद के शरीर से भी लड़ रही होती है। ऐसे हालात धीरे-धीरे उसके डिप्रेशन की वजह बनते हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन किसी भी उम्र, आय, धर्म, कल्चर और समाज के किसी भी वर्ग की महिला को हो सकता है। 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में 20,043 महिलाएं इसकी शिकार थीं। कोविड के बाद अभी तक पोस्टपार्टम डिप्रेशन पर कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
- Postpartum Depression Symptoms टॉकिंग थेरेपी का असर
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निपटने के लिए दवा से बेहतर और सुरक्षित इलाज है टॉकिंग थेरेपी। पोस्टपार्टम डिप्रेशन दूर करने के लिए 2 थेरेपी का इस्तेमाल होता है। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी इस थेरेपी में मरीज से बात की जाती है। बातचीत के जरिए उनकी मनोस्थिति जानकर उनकी सोच और व्यवहार को बदला जाता है। इस थेरेपी में उनके बचपन की बातें पूछी जाती हैं और जाना जाता है कि दिक्कत शुरू कहां से हुई। इसमें मरीज के 6 से 20 सेशन लिए जाते हैं। इंटरपर्सनल साइकोथेरेपी – यह भी टॉक थेरेपी है। इसमें मरीज की भावनाओं और मानसिक विकारों को समझकर उन्हें तसल्ली दी जाती है।
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