Harish Rawat पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बीते कई दिनों से बयान , ट्वीट्स तस्वीर और मुलाकातों से सुर्ख़ियों में बने हैं। जबसे पार्टी को हार का करंट लगा है कांग्रेस में तपिश बढ़ती जा रही है। आज तक न कांग्रेस congress को प्रदेश अध्यक्ष मिला है और न ही नेता विपक्ष तय हुआ है। ऐसे में अब हरदा ने lokayukt in uttarakhand लोकपाल और लोकायुक्त का मुद्दा उठाकर एक बार फिर pushkar singh dhami सरकार को घेरने की कोशिश की है।
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Harish Rawat तू भी अन्ना, मैं भी अन्ना, आओ मिल बैठकर चूसें गन्ना हरीश रावत
- अक्सर फेसबुक को हथ्यार बनाने वाले पूर्व सीएम Harish Rawat हरीश रावत ने कहा कि लोकपाल वर्ष 2014 में सत्ता परिवर्तन का टोटका बना था, लेकिन टोटके का इस्तेमाल कर सत्ता में आने वाले लोग अब खुद ही एक अनचाहा झंझट समझकर इसे भुला चुके हैं। वहीं हरदा लिखते हैं कि प्रदेश में लोकायुक्त फाइल uttarakhand governor के यहां से कहां गायब हो गई, इसका भी पता नहीं है। हरदा सोशल मीडिया पर इन दिनों सक्रिय हैं। उनकी नई पोस्ट को लेकर चर्चा हो रही है।
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- लोकपाल और लोकायुक्त के मुद्दे पर अपने फेसबुक पेज पर लिखते हुए Harish Rawat ने कहा कि कभी वह जब संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था ‘तू भी अन्ना, मैं भी अन्ना, आओ मिल बैठकर चूसें गन्ना’….
- Harish Rawat हरीश रावत ने कहा कि वह गन्ना लोकपाल ही था, लेकिन वह भूल गए कि एक बार चूसा गया गन्ना, फिर नहीं चूसा जाता। वर्ष 2014 में गन्ना चुस गया और अन्ना भी लोकपाल के गन्ने को भूल गए। उनके इस पोस्ट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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- वर्ष 2016 में उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य विधानसभा की ओर से संशोधित रूप में पारित कानून के तहत लोकायुक्त चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का हौसला किया था। हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशन में दोनों कमेटियां, एक हाईकोर्ट के वरिष्ठ रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में और दूसरी कमेटी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के मार्ग निर्देशन में गठित हुई।
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Harish Rawat फाइल कहां गई, इसका आज तक किसी को नहीं पता – हरदा
- Harish Rawat पहली कमेटी ने अपना दायित्व पूरा कर समय पर पत्रावली दूसरी कमेटी के सम्मुख प्रस्तुत कर दी। दूसरी कमेटी में राज्य के मुख्यमंत्री का मार्गदर्शन करने के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि के तौर पर वरिष्ठतम न्यायधीश, प्रतिपक्ष के तत्कालीन नेता, एक वरिष्ठ मंत्री और विधानसभा के स्पीकर बैठे। इसके बाद सर्वसम्मति से लोकायुक्त और लोकायुक्त बेंच का चयन कर राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया। लेकिन इसके बाद यह फाइल कहां गई, इसका आज तक किसी को पता नहीं है।
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- Harish Rawat हांलाकि राजनैतिक गलियारे में ये भी चर्चा रहती है कि हरीश रावत कब क्या बोल दें किसके घर चले जाएँ और क्या फैसला ले लेंगे ये खुद उनकी टीम के लोग भी नहीं जानते हैं। बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने के फैसले पर सीएम धामी की तारीफ करने वाले हरीश रावत से भाजपा का बढ़ता स्नेह और नजदीकी से पैदा हुयी स्थिति के बाद इस लेख से संभव है पार्टी आलाकमान के सामने हरदा अपना नज़रिया साफ़ करना चाहते हैं।
पढ़िए – हरीश रावत का भाजपा प्रेम क्या गुल खिलायेगा https://shininguttarakhandnews.com/harish-rawat-bjp/